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Hindi News उत्तर प्रदेश30 दिनों में बंदरों ने खाई 35 लाख की चीनी! 1100 कुंतल चीनी गायब होने के पीछे का ये है राज

30 दिनों में बंदरों ने खाई 35 लाख की चीनी! 1100 कुंतल चीनी गायब होने के पीछे का ये है राज

यूपी में बंदर चट कर गए मिल की 35 लाख की चीनी। दि किसान सहकारी चीनी मिल्स लि. साथा की ऑडिट रिपोर्ट में खुलासा हुआ। चीनी की कीमत 35.24 लाख की धनराशि दोषियों से वसूलने की संस्तुति की गई है।

30 दिनों में बंदरों ने खाई 35 लाख की चीनी! 1100 कुंतल चीनी गायब होने के पीछे का ये है राज
Srishti Kunjसत्येन्द्र कुलश्रेष्ठ,अलीगढ़Thu, 23 May 2024 06:37 AM
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अभी तक आपने चींटियों को चीनी चट करते देखा होगा। लेकिन अलीगढ़ में अनोखा मामला सामने आया। यहां बंदर साथा चीनी मिल में 30 दिन के भीतर 35 लाख की 11 सौ कुंतल से अधिक चीनी खा गए। यह फर्जीवाड़ा दि किसान सहकारी चीनी मिल्स लिमिटेड की ऑडिट रिपोर्ट में उजागर हुआ है। इस मामले में प्रबंधक, लेखाधिकारी सहित छह को दोषी पाया गया है। वहीं इसकी रिपोर्ट गन्ना आयुक्त को भेजी गई है। इतनी बड़ी मात्रा में चीनी का बंदरों द्वारा खा जाना और बारिश से खराब होना बड़े चीनी घोटाले की ओर इशारा कर रहा है।

जिला लेखा परीक्षा अधिकारी, सहकारी समितियां एवं पंचायत लेखा परीक्षा ने दि किसान सहकारी चीनी मिल लिमिटेड का ऑडिट पिछले दिनों किया गया था। जिसके अन्तर्गत साथा चीनी मिल के 31 मार्च 2024 तक अंतिम स्टॉक का भौतिक सत्यापन किया गया। रिपोर्ट के मुताबिक एक अप्रैल से अक्टूबर 2023 तक चीनी के स्टॉक का मिलान होता पाया गया। इसके बाद फरवरी-2024 में चीनी का स्टॉक 1538.37 कुंतल था। जो कि अगले माह यानि मार्च में घटकर 401.37 कुंतल रह गया। ऑडिट रिपोर्ट के अनुसार 1137 कुंतल सफेद चीनी बंदरों और बारिश के द्वारा खराब होना दर्शाया गया। इतना ही नहीं मार्च माह का शेष दर्शित स्टॉक भौतिक सत्यापन के लिए मिला ही नहीं। जिसका कोई भी स्पष्ट उत्तर गोदाम कीपर के द्वारा नहीं दिया।

ऑडिट रिपोर्ट में प्रबंधक, लेखाधिकारी सहित छह को पाया गया है दोषी
सहकारी समितियां एवं पंचायत लेखा परीक्षा के सहायक लेखा परीक्षा अधिकारी विनोद कुमार सिंह ने अपनी रिपोर्ट में कुल 1137 कुंतल चीनी वर्तमान अनुमानित बाजार मूल्य 3100 रुपये की दर से 35 लाख 24 हजार 700 रुपये की हानि संस्था को पहुंचाना सामने आया। जिसके लिए ऑडिट रिपोर्ट में वर्तमान प्रधान प्रबंधक राहुल कुमार यादव, मुख्य लेखाधिकारी ओमप्रकाश, प्रबंधक रसायनविद एमके शर्मा, लेखाकार महीपाल सिंह, प्रभारी सुरक्षा अधिकारी दलवीर सिंह, गोदाम कीपर गुलाब सिंह पूर्ण रूप से उत्तरदायी माना है। वहीं रिपोर्ट में लिखा गया है कि इनसे नियमानुसार इस धनराशि की की वसूली की जानी अपेक्षित है। वहीं गन्ना आयुक्त, उप निदेशक चीनी मिल संघ, लखनऊ को ऑडिट रिपोर्ट भेजी गई है।

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2021-22 तक चली थी साथा चीनी मिल
अलीगढ़ की एकमात्र सहकारी साथा चीनी मिल 2021-22 तक संचालित हुई थी। जिसके बाद मिल के अपग्रेडेशन कराए जाने के चलते इसे बंद कर दिया गया। गन्ना किसानों का गन्ना पड़ोसी मिलों को भेजा गया था।

मिल से उत्पादित चीनी का रहता था स्टॉक
साथा चीनी मिल से जुड़े किसानों का कहना है कि साथा चीनी मिल में तैयार होने वाली चीनी का स्टॉक गोदाम में रहता था। अधिकतर चीनी हाथों-हाथ बिक जाती थी। अगर कुछ चीनी जो कम गुणवत्ता वाली होती थी, वह भी बिक्री हो जाती थी। डेढ़ हजार कुंतल चीनी स्टॉक में बचना और 1137 कुंतल चीनी का बर्बाद होना गले से नहीं उतर रहा है। निश्चित ही मिल प्रबंधन की भूमिका शुरू से ही संदिग्ध रही है।

डीएम, विशाख जी ने कहा कि साथा चीनी मिल के ऑडिट रिपोर्ट में 1137 कुंतल चीनी की हानि पहुंचाने के संबंध में जिला गन्ना अधिकारी से भी रिपोर्ट मांगी जा रही है।

फैक्ट फाइल
- 4500 हेक्टेयर है अलीगढ़ में गन्ने का रकबा
- 1975 में साथा चीनी मिल की स्थापना की गई थी
- 1250 टीसीडी से बढ़ाकर 5000 टीसीडी है किया जाना
- नवंबर-2023 से फरवरी-2024 तक स्टॉक-1538.37 कुंतल
- मार्च-2024 स्टॉक 401.37 कुंतल
- मार्च-2024 में 1137 कुंतल चीनी का नहीं मिला कोई रिकॉर्ड