वाराणसी लोकसभा सीट हमेशा ही अहम रही है, लेकिन 2014 में इस सीट पर भाजपा के पीएम दावेदार नरेंद्र मोदी यहां से लड़े थे। तब से ही यह हॉट सीट बन गई है। पीएम नरेंद्र मोदी के लिए यह सीट लकी भी रही है क्योंकि यहां से वह पहली बार सांसद चुने गए तो पीएम भी बने। 1952 से ही अस्तित्व में चली आ रही इस सीट पर 1989 के चुनाव तक कांग्रेस, वामपंथी दल और जनता पार्टी ही जीतती रही। लेकिन 1991 के राम लहर वाले चुनाव के बाद से यहां का मिजाज भाजपा के पक्ष में रहा है। भाजपा ने यहां 1991 में चुनाव जीता था और सतीश चंद्र दीक्षित सांसद बने थे। उसके बाद से 2004 के चुनाव में कांग्रेस के राजेश मिश्रा की जीत को छोड़ दें तो भाजपा ही जीतती रही है।भाजपा के ही दिग्गज नेता मुरली मनोहर जोशी 2009 में यहां से सांसद बने थे। उसके बाद 2014 और 2019 में पीएम नरेंद्र मोदी ने यहां चुनाव जीता था। इस बार भी पीएम नरेंद्र मोदी का मुकाबले में उतरना तय माना जा रहा है। ऐसे में इस बार भी मुकाबला एकतरफा ही हो सकता है। वाराणसी लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत 5 विधानसभा सीटें आती हैं। 2022 के विधानसभा चुनाव में भाजपा गठबंधन ने इन सभी सीटों पर जीत हासिल की थी। 4 पर भाजपा को जीत मिली थी, जबकि एक सीट पर अपना दल को विजय प्राप्त हुई थी।और पढ़ें