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Hindi News उत्तर प्रदेशIIT बताएगा संस्कृत शब्दों के हिन्दी, अंग्रेजी, उर्दू के अर्थ एक साथ, विकसित की हिन्दूग्रंथ वेबसाइट

IIT बताएगा संस्कृत शब्दों के हिन्दी, अंग्रेजी, उर्दू के अर्थ एक साथ, विकसित की हिन्दूग्रंथ वेबसाइट

आईआईटी संस्थान के इंजीनियर बीएम शुक्ला ने हिन्दूग्रंथ वेबसाइट विकसित की है जिसे 2009 से अपडेट कर रहे हैं। अब इसमें तीन भाषाओं के अर्थ की सुविधा दी जा रही है। भविष्य में अन्य भाषाएं जुड़ेंगी।

IIT बताएगा संस्कृत शब्दों के हिन्दी, अंग्रेजी, उर्दू के अर्थ एक साथ, विकसित की हिन्दूग्रंथ वेबसाइट
Srishti Kunjअभिषेक सिंह,कानपुरSat, 13 Aug 2022 11:48 AM

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कानपुर। संस्कृत शब्दों के अर्थ अब हिन्दी के साथ ही अंग्रेजी व उर्दू में भी एक क्लिक से पता चल जाएंगे। आईआईटी कानपुर के इंजीनियर बीएम शुक्ला ने एक वेबसाइट विकसित की है, जिसमें संस्कृत भाषा को अधिक महत्व दिया गया है। इस वेबसाइट की खासियत है कि संस्कृत ही नहीं, हिन्दी, उर्दू और अंग्रेजी के किसी भी शब्द को इस पर डालते ही अन्य तीन भाषाओं में उसके अर्थ आ जाएंगे। इसके साथ ही वेबसाइट पर प्राचीन भारतीय ग्रंथों को भी श्लोक, उच्चारण व शाब्दिक अर्थ के साथ प्रस्तुत किया गया है। 

इंजीनियर बीएम शुक्ला ने बताया कि पुराने सभी ग्रंथों में विज्ञान की भरमार है। संस्कृत भाषा के कारण वैज्ञानिक व युवा पीढ़ी इनसे दूर भाग रही है। इस दूरी को खत्म करने के लिए संस्कृत को आसान बनाने का प्रयास किया। इसके लिए वर्ष 2009 में वेबसाइट की शुरुआत की। सभी वेद, उपनिषद समेत अधिकतर ग्रंथों को ऑनलाइन कर दिया है।

श्लोकों के साथ उनका रोमन में उच्चारण और हिन्दी में अर्थ आता है। वेबसाइट लगातार अपडेट की जा रही है। संस्कृत में लिखे ग्रंथों को अपलोड करने के साथ शब्दकोष में शब्दों की संख्या बढ़ाई गई है। सीएसजेएमयू से पढ़ाई करने के बाद आईआईटी कानपुर से एमटेक की पढ़ाई कर बीएम शुक्ला वहीं इंजीनियर पद पर कार्यरत हैं।  

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चार भाषाओं के 1.18 लाख शब्द
भाषा                             शब्द
संस्कृत                         34,000
हिन्दी                           43,000
अंग्रेजी                         32,000
उर्दू                              9,000
साधारण बोलचाल के       3,000

इन ग्रंथों का शाब्दिक अर्थ के साथ उच्चारण
चारों वेद, वेदांत, दर्शन शास्त्र, आयुर्वेद, 220 उपनिषद, अष्टावक्र गीता, शंकराचार्य के तत्वबोध, आत्मबोध व पंचदशी, अष्टाध्यायी, रावणशास्त्र