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अयोध्या में राम की पैड़ी पर सरयू का पानी लंदन की टेम्स जैसा साफ होगा, यह है योगी सरकार की तैयारी

अयोध्या के आकर्षक स्थलों में एक राम की पैड़ी है जो करीब चार दशक पूर्व बनाई गई थी। यहां सरयू का पानी लिफ्ट कर लाया जाता है। अब बैराज बनाया जा रहा है जिससे यहां लाया जाने वाला पानी बिल्कुल साफ होगा।

अयोध्या में राम की पैड़ी पर सरयू का पानी लंदन की टेम्स जैसा साफ होगा, यह है योगी सरकार की तैयारी
Yogesh Yadavअनुराग शुक्ल,अयोध्याThu, 10 Aug 2023 07:16 PM
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रामनगरी अयोध्या में यूं तो सरयू नदी की धारा पर बनी राम की पैड़ी बरसों से आकर्षण के केंद्र में रही है। अब इसका आकर्षण और बढ़ने जा रहा है। यहां आने वालों की शिकायत रही है कि पानी में बालू होती है। अब सरयू पर बांध का निर्माण किए जाने की योजना है। इससे सरयू का साफ पानी सीधे राम की पैड़ी तक लाया जाएगा। यह पानी इतना साफ होगा कि लंदन की टेम्स जैसा साफ दिखेगा।

योगी सरकार में अब राम की पैड़ी को और विस्तार दिए जाने की योजना है। अयोध्या की सरयू नदी पर 3000 करोड़ रुपए की लागत से बैराज बनाने की योजना है। इसका खाका खींचा जा चुका है। इसका काम जल्द शुरू होने का अनुमान है। बैराज की भंडारण क्षमता 230 मिलियन क्यूबिक मीटर एमसीए होगी। इसके निर्माण से अयोध्या नगर निगम को वर्ष 2051 तक पेयजल आपूर्ति की चिंता से मुक्ति मिल जाएगी।

इसी के साथ राम की पैड़ी के रखरखाव में प्रतिवर्ष खर्च होने वाले रुपए की भी बचत होगी। बैराज का निर्माण अयोध्या को गोंडा से जोड़ने वाली पुराने पुल पर रेलवे पुल के बीच में प्रस्तावित है। बैराज की लंबाई लगभग 820 मीटर होगी 15- 15 मीटर चौड़ाई पर 45 की गेट 7.3 मीटर ऊँचाई में लगेंगे।  

दीपोत्सव का गिनीज बुक में रिकॉर्ड

हर वर्ष यहां होने वाले दीपोत्सव से रिकार्ड बनाकर राम की पैड़ी का यश पूरी दुनिया में फैल गया। योगी आदित्यनाथ ने 19 मार्च 2017 को बतौर यूपी के मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ली इसके बाद अयोध्या के विकास का खाका खींचा जाने लगा। इसके बाद सरकार के ड्रीम प्रोजेक्ट में राम की पैड़ी को शामिल कर लिया गया। पानी के अनवरत बहाव के साथ नए घाटों का निर्माण कर राम की पैड़ी को विस्तार दिया गया।

इसी के साथ राम की पैड़ी पर भव्य दीपोत्सव की योजना बनाई गई। लगातार 6 दीपोत्सव मनाए जा चुके हैं। प्रतिवर्ष दीपो की संख्या बढ़ाकर गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में नाम दर्ज कराया जा रहा है। पिछले वर्ष यानी 2022 छठे दीपोत्सव के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी शामिल हुए थे। उन्होंने कहा था दीपावली अयोध्या के कारण पूरे विश्व में मनाई जाती है सीएम योगी की ओर से शुरू किया गया यह दीपोत्सव पूरे विश्व को यह बात याद दिलाता रहेगा।  

यूं हुई शुरुआत बनी राम की पैड़ी

चार दशक पहले हरिद्वार के हर की पैड़ी की तर्ज पर सरयू नदी के किनारे राम की पैड़ी को बनाने का सपना बुना जाने लगा था। 1984-85 के वर्ष में तत्कालीन मुख्यमंत्री श्रीपति मिश्रा ने अपने कैबिनेट के सिचाई मंत्री वीर बहादुर के साझा प्रयास से घाट का निर्माण कराया। जिसका शिलान्यास 1986 में किया गया। फिर लोकार्पण कांग्रेस शासन काल में ही सीएम नारायण दत्त तिवारी ने किया। उस समय पैड़ी में सरयू का पानी लिफ्ट करके लाया जाता था। फिर इसे डिलिवरी टैंक में गिराया जाता था। यह प्रकिया इस समय भी आधुनिक रूप से रामकथा संग्रहालय के पास तक अपनाई जा रही है।  

सरकारें बदलती रहीं राम की पैड़ी को सुंदर बनाने की बात होती रही

राम की पैड़ी में अनवरत पानी के बहाव की जटिल समस्या थी। वर्ष 1993 में सपा सरकार में मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव की सरकार में भी इसे सजाने और संवारने की बातें कही गई। पैड़ी के साथ बगल में ही संत तुलसीदास घाट के लिए धन का आवंटन हुआ।

1998 में भाजपा के शासनकाल में कल्याण सिंह सरकार ने राम की पैड़ी को अयोध्या पैकेज में शामिल किया। उस समय सिचाई मंत्री ओम प्रकाश सिंह थे। इसके बाद भी गाहे-बगाहे राम की पैड़ी के सौंदर्यीकरण के नाम पर सरकारें धन आवंटित करती रही। फिर भी पानी के बहाव का स्थायी विकल्प नहीं निकाला जा सका।  

अब पर्यटकों -श्रद्धालुओं के आकर्षण का केंद्र  

योगी सरकार में लगातार होने वाले दीपोत्सव के चलते इसे खूब प्रसिद्धी मिली। राम की पैड़ी पर घाट के किनारे सीढ़ियों का निर्माण इसे बेहतर नजारा देता है। दूर से आने वाले श्रद्धालु व पर्यटक यहां सरयू के जल से अटखेलियां खेलने से नहीं चूकते। स्थानीय लोगों के लिए भी यह पिकनिक स्पाट जैसा ही महत्व रखता है। पास में ही लता चौक और राम की पैड़ी पर सेल्फी लेने वाले युवाओं की फौज नजर आती है। श्रद्धालुओं के लिए भी नागेश्वर नाथ मंदिर के लिए रास्ता होने की वजह से आकर्षण के केंद्र में रहता है।