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Hindi News उत्तर प्रदेशपूर्व मंत्री के नाती को हाईकोर्ट से नहीं मिली जमानत, तीन हफ्ते के अंदर करना होगा आत्‍मसमर्पण 

पूर्व मंत्री के नाती को हाईकोर्ट से नहीं मिली जमानत, तीन हफ्ते के अंदर करना होगा आत्‍मसमर्पण 

जानलेवा हमले के मुकदमे में फरार चल रहे पूर्व मंत्री उदयभान सिंह के नाती दिव्यांश चौधरी को HC से अग्रिम जमानत नहीं मिली। सुनवाई के दौरान उनके अधिवक्ता ने कोर्ट से वैकल्पिक राहत की मांग की।

पूर्व मंत्री के नाती को हाईकोर्ट से नहीं मिली जमानत, तीन हफ्ते के अंदर करना होगा आत्‍मसमर्पण 
Ajay Singhप्रमुख संवाददाता,आगराSat, 18 May 2024 10:52 AM
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Agra News: जानलेवा हमले के मुकदमे में फरार चल रहे पूर्व मंत्री उदयभान सिंह के नाती दिव्यांश चौधरी को हाईकोर्ट से अग्रिम जमानत नहीं मिली। सुनवाई के दौरान उनके अधिवक्ता ने कोर्ट से वैकल्पिक राहत की मांग की। उस पर फैसला उनके पक्ष में हुआ। तीन सप्ताह के अंदर आरोपित को आगरा कोर्ट में समर्पण करना होगा। उसके जमानत प्रार्थना पत्र पर शीघ्र सुनवाई की जाएगी। साथ ही तीन सप्ताह तक पुलिस इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं करेगी।

15 अप्रैल को ऋषि मार्ग (शाहगंज) निवासी जूता कारोबारी विवेक महाजन और उनकी बेटी का गाड़ी से कुचलने का प्रयास हुआ था। घटना सीसीटीवी कैमरे में कैद है। विवेक महाजन ने घटना के लिए दिव्यांश चौधरी को आरोपित किया था। घटना के बाद परिजनों ने जाम लगाया था। हंगामा किया था। आरोप लगाया था कि आरोपित ने बेटी का जीना दुश्वार कर दिया है। लखनऊ तक उसके पीछे गया था। वहां मामला पुलिस तक पहुंचा था। आरोपित ने दो बार लिखित में माफीनामा दिया है। इस मामले में पूर्व मंत्री अपने नाती के समर्थन में सामने आए थे। प्रेसवार्ता में युवती और परिवार पर गंभीर आरेाप लगाए थे। इस घटनाक्रम के बाद पंजाबी समाज एकजुट हो गया था। विरेाध प्रदर्शन हुआ था। भाजपा कार्यालय का घेराव किया गया था। आगरा में आरोपित का अग्रिम जमानत प्रार्थना पत्र खारिज हो गया था। पुलिस ने उस पर 25 हजार का इनाम घोषित किया था।

अधिवक्ता विराट सक्सेना ने आगरा में युवती पक्ष की पैरवी की थी। उन्होंने बताया कि आरोपित दिव्यांश चौधरी ने अपने अधिवक्ता के माध्यम से हाईकोर्ट में अग्रिम जमानत के लिए प्रार्थना पत्र दिया था। सुनवाई के दौरान उनके अधिवक्ता ने उस प्रार्थना पत्र पर बहस नहीं की। उन्होंने कोर्ट से वैकल्पिक राहत की मांग की। सुनवाई के बाद कोर्ट ने उस प्रार्थना को स्वीकार कर लिया। आरोपित दिव्यांश चौधरी को अग्रिम जमानत तो नहीं मिली मगर तीन सप्ताह का समय मिल गया। तीन सप्ताह तक पुलिस उसके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं करेगी। इस अवधि के दौरान उसे जमानत के लिए आगरा कोर्ट में समर्पण करना होगा। हाईकोर्ट ने आदेश दिए हैं कि कोर्ट जमानत प्रार्थना पत्र पर शीघ्रता से सुनवाई करेगी।

पुलिस खेलती रही दबिश- दबिश का खेल
मामला पूर्व मंत्री के नाती से जुड़ा था। घटना के बाद पुलिस उसे तत्काल पकड़ सकती थी। शाहगंज थाना पुलिस पूर्व मंत्री के नाती को पकड़ने की हिम्मत नहीं जुटा पाई। बाद में जब मामले ने तूल पकड़ा तो आरोपित भूमिगत हो गया। मोबाइल बंद कर लिया। पुलिस ने दिखावे के लिए दो-तीन बार दबिश दी। आरोपित की गाड़ी भी बड़ी मुश्किल से बरामद की थी। पुलिस भी यही चाहती थी कि हाईकोर्ट से कोई आदेश हो जाए ताकि उसके ऊपर से गिरफ्तारी का दबाव खत्म हो जाए। कहने के लिए हो जाए कि कोर्ट का आदेश है। ऐसा ही हुआ है। तीन सप्ताह तक पुलिस को कोई कार्रवाई न करने का आदेश है।