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Hindi News NCRRML अस्पताल में कैसे चल रहा था रिश्वतखोरी का रैकेट, दो डॉक्टर समेत 9 अरेस्ट; मरीज और कंपनियों से उगाही

RML अस्पताल में कैसे चल रहा था रिश्वतखोरी का रैकेट, दो डॉक्टर समेत 9 अरेस्ट; मरीज और कंपनियों से उगाही

बताया जा रहा है कि सूत्रों के जरिए जांच एजेंसी को खबर मिली थी कि यहां रिश्वत लिया जा रहा है। गिरफ्तार किए गए दोनों चिकित्सकों की पहचान डॉक्टर पर्वतगौड़ा और डॉक्टर अजय राज के तौर पर हुई है

RML अस्पताल में कैसे चल रहा था रिश्वतखोरी का रैकेट, दो डॉक्टर समेत 9 अरेस्ट; मरीज और कंपनियों से उगाही
Nishant Nandanलाइव हिन्दुस्तान,नई दिल्लीWed, 08 May 2024 07:03 PM
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दिल्ली के प्रतिष्ठित राम मनोहर लोहिया अस्पताल Ram Manohar Lohia (RML)अस्पताल में भ्रष्टाचार और घूसखोरी के बड़े खेल का पर्दाफाश हुआ है। CBI ने इस मामले में बड़ी कार्रवाई करते हुए अस्पताल के दो डॉक्टरों समेत 9 लोगों को गिरफ्तार किया है। इनपर आरोप है कि वो राम मनोहर लोहिया अस्पताल में आने वाले मरीजों से प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष तरीके से रिश्वत लेते थे। आरोप है कि यह सभी मरीजों और मेडिकल रिप्रजेन्टेटिव से रिश्वत लेते थे। 

यूं लिया जाता था घूस

बताया जा रहा है कि रिश्वतखोरी का यह रैकेट भी यहां बड़ी ही चालबाजी के साथ चलाया जा रहा था। यहां पांच अलग-अलग तरीकों से घूस ली जा रही थी। इनमें - Stents और अन्य चिकित्सीय उपकरण की सप्लाई के बदले घूस, अलग-अलग ब्रांड के Stents की सप्लाई के बदले घूस, लैब में चिकित्सीय उपकरण की सप्लाई के एवज में रिश्वत, घूस लेकर मरीजों की भर्ती और फर्जी मेडिकल सर्टिफिकेट बनवाने के एवज में घूस लेने का तरीका शामिल है।

कार्डियोलॉजी विभाग के चिकित्सक पर आरोप

सूत्रों के जरिए जांच एजेंसी को खबर मिली थी कि यहां रिश्वत लिया जा रहा है। गिरफ्तार किए गए दोनों चिकित्सकों की पहचान डॉक्टर पर्वतगौड़ा और डॉक्टर अजय राज के तौर पर हुई है। दोनों कार्डियोलॉजी विभाग के सहायक प्रोफेसर भी हैं। जांच एजेंसी को सूत्रों से यह जानकारी मिली थी कि डॉक्टर पर्वतगौड़ा ने  ने नरेश नागपाल से रिश्वत ली थी। दरअसल नरेश नागपाल की कंपनी नागपाल टेक्नोलॉजी प्राइवेट लिमिटेड चिकित्सीय उपकरणों की सप्लाई करती है। इन्हीं चिकित्सीय उपकरणों को अस्पताल में इस्तेमाल किए जाने की अनुमति देने के लिए प्रोफेसर डॉक्टर पर्वतगौड़ा ने घूस मांगी थी। उन्होंने नरेश नागपाल से कहा था कि वो घूस की बकाया रकम दें। इसपर नरेश नागपाल ने उन्हें  07 मई को 2.48 लाख रुपये बतौर घूस देने की बात कही थी।  

सूत्रों ने आगे बताया कि पर्वतगौड़ा ने इसके बाद अबरार अहमद से भी घूस मांगी थी। यह घूस भी चिकित्सीय उपकरमों के इस्तेमाल की अनुमित देने के एवज में मांगी गई थी। जानकारी सामने आई कि अबरार अहमद ने यह पैसे बैंक अकाउंट में ट्रांसफर भी किए थे। इनके अलावा चिकित्सकों ने बायोट्रॉनिक्स प्राइवेट लिमिटेड के टेरिटरी सेल्स मैनेजर आकर्षण गुलाटी, बायोट्रॉनिक्स प्राइवेट लिमिटेड की कर्मचारी मोनिका सिन्हा, आरएमएल अस्पताल के कैथ लैब के वरिष्ठ तकनीकी प्रभारी रजनीश कुमार और भारती मेडिकल टेक्नोलॉजी के भरत सिंह दलाल से मेडिकल उपकरणों के इस्तेमाल की इजाजत देने के लिए रिश्वत ली थी।

UPI से ली गई पेमेंट

सूत्रों ने जांच एजेंसी को सूचना दी थी कि कृष्ण कुमार नाम के एक शख्स ने आरएमएल अस्पताल के क्लर्क संजय गुप्ता से संपर्क कर कहा था कि वो उनका मेडिकल रेस्ट सर्टिफिकेट बनवा दें। इसके बाद संजय गुप्ता ने रिश्वत के तौर पर 700 रुपये की डिमंड की थी। यह रकम यूपीआई पेमेंट के जरिए दी गई थी। इसी तरह कई बार मेडिकल सर्टिफिकेट बनवाने के नाम पर घूस दी गई थी। 

मरीज से भी ली घूस

सूत्रों ने जानकारी दी थी कि आरएमएल अस्पताल के एक कर्मचारी भुवल जायसवाल अस्पताल की एक नर्स शालू शर्मा के साथ मिलकर अक्सर मरीजों से रिश्वत लेते थे। यह मरीजों से अप्वाइंटमेंट और एडमिशन के बदले अक्सर पैसे लिया करते थे। यह भी आरोप है कि एक मरीज के परिजनों को उन्होंने धमकी दी थी कि अगर घूस के पैसे नहीं मिले तो वो उनकी गर्भवती पत्नी का इलाज रुकवा देंगे और बिना आगे मेडिकल ट्रीटमेंट के अस्पताल से डिस्चार्ज भी करवा देंगी। परेशान मरीज के पति ने घूस के पैसे भुवन जायसवाल को यूपीआई के जरिए दिए थे।