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Electoral Bonds Data: TMC और JDU ने करोड़ों के चंदे से झाड़ा पल्ला, बोले- पता नहीं कौन दे गया इलेक्टोरल बॉन्ड

Electoral Bonds List: जेडीयू का यह भी कहना है, 'हमें जानकारी नहीं है और हमने पता करने की कोशिश भी नहीं की, क्योंकि तब सुप्रीम कोर्ट का आदेश नहीं था और सिर्फ भारत सरकार की अधिसूचना ही थी।'

Electoral Bonds Data: TMC और JDU ने करोड़ों के चंदे से झाड़ा पल्ला, बोले- पता नहीं कौन दे गया इलेक्टोरल बॉन्ड
Nisarg Dixitलाइव हिन्दुस्तान,नई दिल्लीMon, 18 Mar 2024 05:33 AM
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Electoral Bonds Data: इलेक्टोरल बॉन्ड की जानकारी सार्वजनिक होते ही अब पार्टियां चंदे की बात से पल्ला झड़ाती नजर आ रही हैं। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस और बिहार सीएम नीतीश कुमार की जनता दल यूनाइटेड ने तो यह तक कह दिया कि कोई ये बॉन्ड उनके दफ्तर में छोड़ गया है। टीएमसी का कहना है कि उनके पास बॉन्ड खरीदने वालों की जानकारी नहीं है।

साल 2018-19 के बॉन्ड की जानकारी से टीएमसी और जेडीयू ने इनकार किया है। टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के अनुसार, 27 मई 2019 में टीएमसी ने भारत निर्वाचन आयोग को दी गई जानकारी में बॉन्ड पर भी बात की थी। पार्टी का कहना था, 'इनमें से अधिकांश बॉन्ड हमारे दफ्तर भेजे गए और ड्रॉप बॉक्स में रखे गए या मैसेंजर्स के जरिए भेजे गए, जो हमारी पार्टी का समर्थन करना चाहते हैं।'

आगे बताया गया, 'इनमें से अधिकांश ने अज्ञात रहने का फैसला किया, तो ऐसे में हमारे पास खरीदने वालों के नाम और अन्य जानकारियां नहीं हैं।'

रिपोर्ट के मुताबिक, जेडीयू ने चुनाव आयोग को 30 मई 2019 को बताया था, '13 अप्रैल 2019 को पटना में कोई हमारे दफ्तर आया और सीलबंद लिफाफा दे गया, जब उसे खोला गया तो हमें 1-1 करोड़ के 10 इलेक्टोरल बॉन्ड मिले। ऐसे हालात में हम दानदाताओं के बारे में और ज्यादा जानकारी देने में असमर्थ हैं।'

जेडीयू का यह भी कहना है, 'हमें जानकारी नहीं है और हमने पता करने की कोशिश भी नहीं की, क्योंकि तब सुप्रीम कोर्ट का आदेश नहीं था और सिर्फ भारत सरकार की अधिसूचना ही थी।'

जेडीयू और टीएमसी को कितना मिला चंदा
हालांकि, जेडीयू ने अप्रैल 2019 में 13 करोड़ रुपये में से 3 करोड़ के दानदाताओं की जानकारी दी है। वहीं, टीएमसी की तरफ से 16 जुलाई 2018 से लेकर 22 मई 2019 के बीच इलेक्टोरल बॉन्ड के जरिए करीब 75 करोड़ रुपये देने वाले दानदाताओं की जानकारी का खुलासा नहीं किया गया है।

किसी भी दानदाता की जानकारी नहीं देने वाली टीएमसी का कहना है कि इसकी जानकारी SBI की तरफ से जारी बॉन्ड के यूनिक नंबरों से पता की जा सकती है। रिपोर्ट के अनुासर, पार्टी ने कहा, 'हम भी समझते हैं कि इलेक्टोरल बॉन्ड स्कीम के तहत इन बॉन्ड को जारी करने वाली SBI एकमात्र ही है। जिन लोगों को बॉन्ड जारी हुए थे, उन्होंने पैन कार्ड, आईडी प्रूफ, पता की जानकारी और अन्य दस्तावेज दिए होंगे। इसलिए बैंक के पास उन सभी बॉन्ड धारकों की जानकारी है, जिन लोगों ने हमें दान दिया है।'