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बुलेट ट्रेन के साथ कारें भी फर्राटा भरेंगी, कॉरिडोर के नीचे 4 मीटर चौड़ी सड़कें भी बनेगी

मुंबई-अहमदाबाद 508 किलोमीटर हाई स्पीड रेल कॉरिडोर के ऊपर बुलेट ट्रेन 320 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से दौड़ेंगी वहीं एलिवेटेड कॉरिडोर के नीचे सड़कों पर कारें फर्राटा भरेंगी। दिल्ली मेट्रो की तर्ज पर...

बुलेट ट्रेन के साथ कारें भी फर्राटा भरेंगी, कॉरिडोर के नीचे 4 मीटर चौड़ी सड़कें भी बनेगी
पालघर (महाराष्ट्र) अरविंद सिंहSun, 02 Sep 2018 04:54 AM
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मुंबई-अहमदाबाद 508 किलोमीटर हाई स्पीड रेल कॉरिडोर के ऊपर बुलेट ट्रेन 320 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से दौड़ेंगी वहीं एलिवेटेड कॉरिडोर के नीचे सड़कों पर कारें फर्राटा भरेंगी। दिल्ली मेट्रो की तर्ज पर बुलेट ट्रेन परियोजना में दोनों ओर 4-4 मीटर चौड़ी सड़कें बनाई जाएंगी।

हाई स्पीड रेल कॉरिडोर के प्रबंध निदेशक अंचल खरे ने ‘हिन्दुस्तान’ को बताया कि मुंबई से अहमदाबाद के बीच एलिवेटेड कॉरिडोर के नीचे निगम के द्वारा बनाई गई इन सड़कों पर किसी प्रकार का प्रतिबंध नहीं होगा, आम जनता अपने वाहन चला सकेगी। एक सवाल के जवाब में खरे ने बताया कि नई पहल के तहत भूमि अधिग्रहण से पहले हाई स्पीड कॉरिडोर निगम भूमि मालिकों को विशेष कार्ड देगा। इसमें भूमि की 5 गुना कीमत, यदि मकान है तो उसकी दोगुनी कीमत, एक साल का किराया और अन्य सुविधाओं का उल्लेख होगा। विदित हो कि पालघर आदिवासी क्षेत्र है। बड़े भाग पर भूमि का मालिक कोई है और उसपर खेतीबाड़ी कोई और करता है। लेकिन निगम कब्जा धारकों को भी मुआवजा देगा। इस इलाके से 108 किलोमीटर लंबा कॉरिडोर बनेगा। इससे 73 गांव और 1500 आदिवासी प्रभावित होंगे। खरे ने बताया कि स्थानीय लोगों की मांग पर पालघर जिले में लघु उद्योग धंधे लगाए जाएंगे जिससे लोगों को रोजगार मिल सके।

हाई कॉरिडोर का विरोध करने वाले अधिकांश लोग नौकरी देने की मांग कर रहे हैं निगम के पास 3500 सीधी नौकरी हैं और निर्माण के लिए 40 हजार लोगों की जरूरत होगी। बड़े पैमाने पर दक्ष ड्राइवरों की जरूरत होगी। खरे ने कहा कि दिसंबर 2018 तक जमीन अधिकरण का काम पूरा हो जाएगा।