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सेहतमंद रहना है तो घर में थोड़ी गंदगी भी जरूरी है, जानें क्या कहती है ये नई स्टडी

हमारी दुनिया में हम से जुड़ी क्या खबरें हैं? हमारे लिए उपयोगी कौन-सी खबर है? किसने अपनी उपलब्धि से हमारा सिर गर्व से ऊंचा उठा दिया? ऐसी तमाम जानकारियां हर सप्ताह आपसे यहां साझा करेंगी, जयंती रंगनाथन।

सेहतमंद रहना है तो घर में थोड़ी गंदगी भी जरूरी है, जानें क्या कहती है ये नई स्टडी
Manju Mamgainहिन्दुस्तानFri, 24 May 2024 02:35 PM
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पिछले कुछ समय से सत्तर के दशक की चर्चित अभिनेत्री जीनत अमान चर्चा में हैं। पिछले महीने सोशल मीडिया पर लिव इन की वकालत करता हुआ उनका पोस्ट वायरल हो गया था। इस पोस्ट के लिए उन्हें ट्रोल भी किया गया और उनके साहस की सराहना भी की गई। कुछ दिनों पहले उन्होंने सोशल मीडिया में अपनी एक पुरानी तस्वीर डालते हुए डिंपल कपाड़िया के बारे में जो बातें लिखी, उसकी सबने तारीफ की। दरअसल तस्वीर उनकी फिल्म छैला बाबू के सेट की है, जिसमें उनके साथ राजेश खन्ना बतौर हीरो थे। तस्वीर में जीनत अमान फिल्म के निर्देशक जॉय मुखर्जी और डिंपल के साथ बैठी हैं, जो उस समय राजेश खन्ना की पत्नी थीं। जीनत के हाथ में सिगरेट है। उन्होंने लिखा कि उस वक्त वो सिगरेट पीती थीं, पर इस बात का उन्हें हमेशा अफसोस रहेगा। यही नहीं, उन्होंने युवा पीढ़ी से यह भी कहा कि उन्हें देखकर वो यह आदत ना पालें, यह बुरी आदत है। जीनत ने डिंपल की तारीफ में लिखा कि जब मुश्किल दौर में कोई उनके साथ नहीं खड़ा था, डिंपल उनके साथ थी। डिंपल एक अच्छी अदाकारा ही नहीं, बेहद अच्छी इनसान भी हैं।

आम जिंदगी में महिलाएं इतनी आसानी से एक-दूसरे की तारीफ नहीं करतीं। जीनत अमान एक बेहद मजबूत महिला हैं। जिंदगी में तमाम उतार-चढ़ाव देखें हैं, सफलता का परचम छुआ है, पर अपनी असफलताओं और कमियों को उन्होंने कभी नहीं छिपाया। इस तस्वीर में जीनत ने राज कपूर को धन्यवाद देते हुए लिखा कि मेरे और डिंपल के करियर को आपने ही दिशा दी। गौरतलब है कि डिंपल की डेब्यू फिल्म बॉबी राज कपूर ने ही बनाई थी और जीनत अमान को अपनी इमेज बदलने का मौका मिला था, राज कपूर की ही फिल्म सत्यम शिवम सुंदरम से।

नई दिशा दे रही हैं सीमा

अकसर महिलाओं को यह सवाल पूछते देखा है कि हमारे पास बहुत समय है, हम ऐसा क्या करें कि अपने साथ-साथ दूसरों का भी भला करें? यह सवाल पूछकर जिंदगी भर कॉर्पोरेट में काम करने वाली सीमा सेठ ने खुद ही उत्तर दे दिया नई दिशा के जरिए। दरअसल दस साल पहले जब वे अपने काम से रिटायर होने जा रही थीं, उनका साबका एक ऑटो वाले से हुआ। उसने ही उनके दिमाग में यह बात डाली कि वो गुरुग्राम के आगे जिस हरिजन बस्ती में रहता है, वहां के बच्चों को भी सही दिशा और शिक्षा की बहुत जरूरत है। सीमा ने एक छोटे से कमरे से और पैंतीस बच्चों के साथ नई दिशा की शुरुआत की। उनको लगता था कि जब तक वहां के बच्चे आगे की पढ़ाई के लिए अच्छे स्कूलों में नहीं जाते, उनका भविष्य नहीं सुधरेगा। आज दस साल बाद उनकी मेहनत रंग लाई। उनके प्रशिक्षण और शिक्षा से हरिजन बस्ती के कई बच्चों को नर्ई जिंदगी मिल गई है। इसलिए अब यह सवाल पूछना छोड़िए और अपने मन के लायक काम करना शुरू कर दीजिए।

सेहत का ख्याल सबसे जरूरी

एक अच्छी खबर यह है कि पिछले साल के मुकाबले इस साल हेल्थ इंश्योरेंस करवाने वाली महिलाओं की संख्या बढ़ गई है। पॉलिसी बाजार डॉट कॉम ने लगभग 23 हजार महिलाओं को अपने सर्वेक्षण में शामिल किया। इस अध्ययन के मुताबिक महिलाएं अपनी सेहत और भविष्य को ले कर जागरूक हुई हैं। यही नहीं, जैसे-जैसे लड़कियां आत्मनिर्भर हो रही हैं, वो अपनी और परिवार की अन्य महिलाओं की सेहत को लेकर चौकन्नी हुई हैं। सेहत के लिए बीमा लेने का मतलब है, सेहतमंद भविष्य।

थोड़ी गंदगी बुरी नहीं

डेली मेल के हेल्थ कॉलम में प्रकाशित इस अध्ययन के मुताबिक थोड़ी गंदगी आपके घर को सेहतमंद बना सकती है। इस अध्ययन में शामिल वैज्ञानिक यह मानते हैं कि कुछ बैक्टीरिया अच्छे भी होते हैं। इनके रहने से घर में रहने वालों का रोग प्रतिरोधक तंत्र दुरुस्त रहता है। टोरंटो विश्वविद्यालय की प्रोफेसर सारा हाइंस के अनुसार इस तरह के बैक्टीरिया को इंडोर माइक्रोबायोम कहते हैं। घर की शत-प्रतिशत साफ सफाई और बैक्टीरिया के खात्मे का नुकसान भी हो सकता है।