ट्रेंडिंग न्यूज़

अगला लेख

अगली खबर पढ़ने के लिए यहाँ टैप करें

Hindi News उत्तर प्रदेशशादी में मिले गिफ्ट की बनेगी सूची, दूल्हा-दुल्हन दोनों पक्ष करेंगे हस्ताक्षर, हाईकोर्ट ने सरकार से क्यों कहा नियम बनाएं

शादी में मिले गिफ्ट की बनेगी सूची, दूल्हा-दुल्हन दोनों पक्ष करेंगे हस्ताक्षर, हाईकोर्ट ने सरकार से क्यों कहा नियम बनाएं

शादी में मिले गिफ्ट की भी अब सूची बननेगी। इस पर खुद दूल्हा और दुल्हन हस्ताक्षर करेंगे और दोनों पक्ष इसे सत्यापित करेंगे। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सरकार से भी इस बाबत नियम बनाने को कहा है।

शादी में मिले गिफ्ट की बनेगी सूची, दूल्हा-दुल्हन दोनों पक्ष करेंगे हस्ताक्षर, हाईकोर्ट ने सरकार से क्यों कहा नियम बनाएं
Yogesh Yadavविधि संवाददाता,प्रयागराजThu, 16 May 2024 08:36 PM
ऐप पर पढ़ें

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा है कि वर और वधू पक्ष को शादी में मिले गिफ्ट की सूची बनानी चाहिए। इस तरह की सूची को दोनों पक्ष अपने-अपने हस्ताक्षर बनाकर सत्यापित भी करें। इससे दहेज संबंधित विवादों के निपटारे में आसानी होगी। कोर्ट ने राज्य सरकार से भी जानकारी मांगी है कि क्या सरकार ने दहेज प्रतिषेध अधिनियम के तहत कोई नियम बनाया है, यदि नहीं बनाया तो इस पर विचार करे। अंकित सिंह की याचिका पर सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति विक्रम डी चौहान ने यह आदेश दिया।

कोर्ट ने कहा कि दहेज प्रतिषेध अधिनियम, 1985 कानून में यह भी नियम है कि वर एवं वधू को मिलने वाले उपहारों की सूची बननी चाहिए। इससे यह स्पष्ट होगा कि क्या-क्या मिला था। कहा कि शादी के दौरान रिश्तेदारों से मिलने वाले सभी उपहारों को दहेज के दायरे में नहीं रखा जा सकता।  कोर्ट ने पूछा कि दहेज की मांग के आरोप लगाने वाले लोग अपनी शिकायत के साथ ऐसी सूची क्यों नहीं लगाते हैं। दहेज प्रतिषेध अधिनियम का सही तरीके से पालन होना चाहिए।

कोर्ट ने कहा कि नियमावली के अनुसार दहेज और उपहारों में अंतर है। कोर्ट ने कहा, 'दहेज प्रतिषेध अधिनियम, 1985 को  इसी भावना के तहत बनाया गया था कि भारत में शादियों में गिफ्ट देने का रिवाज है। भारत की परंपरा को समझते हुए ही उपहारों को अलग रखा गया है। कहा कि दहेज प्रतिषेध अधिकारियों की भी तैनाती की जानी चाहिए। लेकिन आज तक शादी में ऐसे अधिकारियों को नहीं भेजा गया। राज्य सरकार को बताना चाहिए कि उसने ऐसा क्यों नहीं किया, जबकि दहेज की शिकायतों से जुड़े मामले बढ़ रहे हैं।

गौरतलब है कि अदालतों में जमीन के अलावा सबसे ज्यादा केस शादी के बाद पति-पत्नी के विवाद को लेकर आ रहे हैं। इसमें अलगाव की बात आती है तो वधु पक्ष अपना दहेज वापस मांगता है। ऐसे में नया विवाद खड़ा हो जाता है। वापसी के लिए कई बार बढ़ चढ़कर दावे किए जाते हैं।