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Hindi News उत्तर प्रदेशटॉप-10 एआई एक्सपर्ट में गोरखपुर के अविनाश, फोर्ब्स पत्रिका की सर्वे लिस्‍ट में सातवें नंबर पर 

टॉप-10 एआई एक्सपर्ट में गोरखपुर के अविनाश, फोर्ब्स पत्रिका की सर्वे लिस्‍ट में सातवें नंबर पर 

गोरखपुर के अविनाश त्रिपाठी को अमेरिका के टॉप-10 आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) व डेटा विशेषज्ञों में शामिल किया गया है। विश्व की प्रतिष्ठित डेटा नेटवर्क संस्था डेटा-IQ ने विशेषज्ञों की सूची जारी की।

टॉप-10 एआई एक्सपर्ट में गोरखपुर के अविनाश, फोर्ब्स पत्रिका की सर्वे लिस्‍ट में सातवें नंबर पर 
Ajay Singhमनीष मिश्र,गोरखपुरWed, 22 May 2024 07:21 AM
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AI Expert News: गोरखपुर के अविनाश त्रिपाठी को अमेरिका के टॉप-10 आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) और डेटा विशेषज्ञों में शामिल किया गया है। विश्व की प्रतिष्ठित डेटा नेटवर्क संस्था डेटा-आईक्यू ने विशेषज्ञों की सूची जारी की है। इस सूची में अमेरिका के डेटा साइंस और एआई के 100 विशेषज्ञों को शामिल किया गया है जिसमें अविनाश सातवें नंबर पर हैं। इस सूची को फोर्ब्स पत्रिका ने प्रकाशित किया है।

मूल रूप से घघसरा के अलगटपुर निवासी अविनाश त्रिपाठी यूनिवर्सिटी ऑफ फीनिक्स में वाइस प्रेसिडेंट है। वह विश्वविद्यालय के डेटा और एआई के मुख्य एनालिटिक्स भी है। अविनाश की प्राथमिक और माध्यमिक शिक्षा गोरखपुर में हुई। उन्होंने सेंट जोसेफ प्राइमरी स्कूल से पांचवीं और लिटिल फ्लावर धर्मपुर से इंटर तक की पढ़ाई की है। उन्होंने डेटा साइंस में स्नातक और परास्नातक की पढ़ाई अमेरिका के सदर्न इलिनोइस विश्वविद्यालय से की। बीते 21 वर्ष से वह अमेरिका के कई विश्वविद्यालय में कार्य कर चुके हैं। अविनाश की पहचान अमेरिका के उच्च शिक्षा में एआई के प्रसारकर्ता के रूप में है। वह अमेरिका में भोजपुरी एसोसिएशन ऑफ इंडिया (भाई) के संस्थापक सदस्य व सचिव हैं। इसके जरिए वह अमेरिका में बसे भारतीयों को एकसूत्र में जोड़ते भी है। उनकी मदद भी करते हैं।

सफलता का आधार तय करता है डेटा
उन्होंने बताया कि विश्व में डेटा और एआई को लेकर जागरूकता की कमी है। विश्व की नामी कंपनियां आंकड़ों के आधार पर निर्णय (डेटा ड्रिवन डिसीजन मेकिंग कल्चर) से दूर है। विश्व में केवल 31 फीसदी कंपनियां ही आंकड़ों पर आधारित फैसला लेती हैं। करीब 70 फीसदी कंपनियों का प्रबंधन आज भी अंतरमन की आवाज (सेल्फ इंटीयूशन) के आधार पर फैसला लेती हैं। कंपनियों के अधिकारी व्यक्तिगत विचारों को आंकड़ों पर तरजीह देते हैं। यह उनकी विफलता का कारण भी है।

चैट-जीपीटी सिर्फ एक फीसदी है एआई का

यह सदी डेटा और एआई की है। चैट जीपीटी को लोग एआई मान लेते हैं। जबकि एआई के क्षेत्र में यह एक फीसदी से भी कम है। यह लार्ज लैंग्वेज माडल है। इसमें विस्तार और अपग्रेडेशन की अनंत संभावनाएं हैं। एआई के विस्तार पर करीब 500 बिलियन का स्टार्टअप शुरू हुआ है।

विश्वविद्यालय है ऑनलाइन

यूनिवर्सिटी ऑफ फिनिक्स को उन्होंने पूरी तरह ऑनलाइन सिस्टम से जोड़ रखा है। इसे अविनाश की टीम ने ही मूर्त रूप दिया। खास बात यह है कि डेटा-एआई की टॉप-10 एक्सपर्ट की सूची में उच्च शिक्षा से जुड़े वह एकमात्र विशेषज्ञ है। वह विश्व की जानी-मानी कंपनियों को डेटा साइंस, एआई के महत्व, सुरक्षा और सीमाओं की जानकारी भी देते हैं।