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कौन है चौधरी लाल सिंह, जिनकी वजह से विवादों में 'भारत जोड़ो' यात्रा, कठुआ केस से कैसे जुड़े तार

Bharat Jodo Yatra Update: साल 2004 और 2009 में ऊधमपुर से जीत हासिल कर सिंह लोकसभा पहुंचे। साल 2014 में कांग्रेस की तरफ से टिकट नहीं मिलने के चलते वह भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गए।

कौन है चौधरी लाल सिंह, जिनकी वजह से विवादों में 'भारत जोड़ो' यात्रा, कठुआ केस से कैसे जुड़े तार
Nisarg Dixitलाइव हिन्दुस्तान,नई दिल्लीFri, 20 Jan 2023 08:51 AM
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जम्मू और कश्मीर में 'भारत जोड़ो' यात्रा कुछ विवादों में है। दरअसल, राज्य के पूर्व मंत्री चौधरी लाल सिंह के रैली में शामिल होने को लेकर कांग्रेस की यात्रा सवालों के घेरे में है। सियासी गलियारों में नाराजगी इस कदर है कि प्रदेश कांग्रेस की प्रवक्ता ने पद से इस्तीफा दे दिया। वहीं, उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती जैसे राज्य के बड़े नेता कांग्रेस को सलाह दे रहे हैं।

पहले जानते हैं कौन हैं लाल सिंह
63 साल के सिंह ने सियासी सफर की शुरुआत छात्र नेता के तौर पर की थी। वह पहली बार 1986 में कठुआ जिले की बसोहली सीट से कांग्रेस (तिवारी) टिकट पर विधायक बने थे। 2002 में भी वह यह से जीते और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी और कांग्रेस की गठबंधन सरकार में मंत्री बने।

साल 2004 और 2009 में ऊधमपुर से जीत हासिल कर सिंह लोकसभा पहुंचे। साल 2014 में कांग्रेस की तरफ से टिकट नहीं मिलने के चलते वह भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गए। 2014 में बसोहली से भाजपा के टिकट पर उन्होंने फिर जीत दर्ज की। इस बार राज्य में भाजपा और पीडीपी ने मिलकर सरकार बनाई और वह एक बार फिर मंत्री बने।

क्या है ताजा विवाद
2018 में हुए कठुआ गैंगरेप और मर्डर मामले को लेकर राजनीतिक दल सिंह पर निशाना साध रहे हैं। घटना के समय भाजपा-पीडीपी सरकार में मंत्री आरोपियों की तरफ से की गई एक रैली में शामिल हुए थे और मामले की सीबीआई जांच की मांग की थी। 2018 में कठुआ में 9 साल की बच्ची के दुष्कर्म और हत्या का मामला सामने आया था।

पहले भी हुए विवाद
साल 2014 में मंत्री बनने के कुछ सप्ताह बाद ही उनके खिलाफ एक महिला डॉक्टर ने शिकायत दर्ज कराई थी। खबर है कि वह कठुआ के लाखनपुर स्थित शासकीय अस्पताल में ऑन ड्यूटी डॉक्टर की कॉलर पकड़े हुए भी कैमरे में कैद हुए थे। साल 2016 में गुज्जर और किसानों के एक समूह ने लाल सिंह के खिलाफ पुलिस शिकायत दर्ज कराई थी। 2018 में उनपर मीडियाकर्मियों को धमकाने के भी आरोप लगे थे।

रैली में शामिल होने पर राजनीति तेज
राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा, 'कांग्रेस को यह देखना होगा कि कुछ लोग अपने आप को साफ करने के लिए यात्रा का इस्तेमाल कर सकते हैं। हमें उन नेताओं की भूमिका को नहीं भूलना चाहिए, जो बलात्कारियों को बचाने की कोशिश कर रहे थे और लोगों की भावनाएं के साथ खेल रहे थे। यह छुपा नहीं है। ये नेता अपने आप को सेक्युलर दिखाने के लिए यात्रा का इस्तेमाल करेंगे। यह गलत है। कांग्रेस नेताओं को यह देखना चाहिए कि कौन यात्रा में शामिल हो रहा है और उनका हालिया ट्रैक रिकॉर्ड क्या है।'

बुधवार को पीडीपी प्रमुख मुफ्ती ने भी कहा था, 'राहुल गांधी सड़कों पर हैं, हजारों लोग उनके साथ जुड़ रहे हैं और देश को एक करने की कोशिश कर रहे हैं। मुझे इससे फर्क नहीं पड़ता कि कौन उनके साथ जुड़ रहा है। फर्क पड़ता है कि इसके पीछे मकसद क्या है।' उन्होंने कहा, 'सांप्रदायिक राजनीति के चलते जम्मू और कश्मीर ने बहुत भुगता है। मुझे लगता है कि कांग्रेस के पास अपनी विरासत को दोबारा हासिल करने, भारत के विचार और लोकतांत्रिक भारत के लिए के लिए भारत जोड़ो के अलावा कोई विकल्प है। हम भारत जोड़ो यात्रा का स्वागत करते हैं और हम इसमें शामिल होंगे।' 

खबर है कि पूर्व मंत्री लाल सिंह को यात्रा में शामिल होने की अनुमति मिलने पर प्रवक्ता दीपिका पुष्कर नाथ ने पार्टी छोड़ दी है। आरोप लगाए जा रहे हैं कि सिंह ने 8 साल की बच्ची से जुड़े कठुआ रेप केस में बलात्कारियों का 'बेशर्मी से बचाव' कर मामले को नुकसान पहुंचाया था।

कहां है भारत जोड़ो यात्रा?
कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी की अगुवाई में कन्याकुमारी से शुरू हुई भारत जोड़ो यात्रा अंतिम पड़ाव में जम्मू और कश्मीर पहुंच चुकी है। आधिकारिक वेबसाइट के अनुसार, फिलहाल यात्रा राज्य के कठुआ में है। 7 सितंबर से चले पदयात्री अब तक 10 राज्यों में 52 जिलों को कवर कर चुके हैं।