यूपी के 2000 ग्राम पंचायतों में मिलेंगी शहर जैसी सुविधाएं, केन्द्र से मांगे गए 200 कलस्टर
प्रदेश के करीब दो हजार ग्राम पंचायतों में शहरों जैसी सुविधाएं मिलेंगी। प्रदेश सरकार ने इसकी तैयारी तेज कर दी है। इसके लिए श्यामा प्रसाद मुखर्जी रूर्बन मिशन के तहत केंद्र सरकार से 200 नये क्लस्टर की...
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प्रदेश के करीब दो हजार ग्राम पंचायतों में शहरों जैसी सुविधाएं मिलेंगी। प्रदेश सरकार ने इसकी तैयारी तेज कर दी है। इसके लिए श्यामा प्रसाद मुखर्जी रूर्बन मिशन के तहत केंद्र सरकार से 200 नये क्लस्टर की मांग की गई है। इन क्लस्टरों के मिलने पर योजनाओं के तहत आने वाले गांवों में पक्की सड़कें, स्ट्रीट लाइट, स्कूलों में स्मार्ट क्लास रूम, आरओ/सोलर प्लांट, मैरिज हॉल, मिनी स्टेडियम, पार्क, अंत्येष्टि स्थल, कोल्ड स्टोरेज, स्वास्थ्य केंद्र, स्किल डेवलपमेंट सेंटर आदि का निर्माण होगा। इसी वित्तीय वर्ष में ये नये क्लस्टर मिल जाने की उम्मीद है।
ग्रामीण विकास मंत्रालय द्वारा पूरे देश में 1000 नये रूर्बन क्लस्टर चयनित करने की योजना है। बीते अक्तूबर माह में मंत्रालय ने सभी राज्यों की एक कार्यशाला आयोजित की थी जिसमें नये क्लस्टर के चयन की रूपरेखा पर चर्चा हुई। ग्राम्य विकास विभाग ने केंद्र सरकार से 200 नये क्लस्टर मांगे हैं। नये क्लस्टरों के चयन का काम पूरा होने पर ये क्लस्टर मिल जाने की उम्मीद है। गौरतलब है कि प्रदेश में इस समय 19 क्लस्टरों के विकास का काम चल रहा है। इसके तहत 553 करोड़ रुपये की योजनाओं पर काम शुरू हो चुका है। विभागीय योजनाओं के तहत 1450 करोड़ रुपये की योजनाएं स्वीकृत हैं। हाल ही में केंद्र सरकार ने यूपी को एक और क्लस्टर दिया है।
इन क्लस्टरों के विकास का काम जारी
जुग्गौर (लखनऊ), बांसगांव (कुशीनगर), रूधाऊ मुस्तकील (फिरोजाबाद), मऊ मुस्तकील तथा कसहाई (चित्रकूट), चितेहारा (गौतमबुद्ध नगर), पटहेरा कला (मिर्जापुर), दासना देहात (गाजियाबाद), सिलाना (बागपत), कोदई ट्राइबल (सोनभद्र), चहलवा (श्रावस्ती), बमरौली तथा बरोखर(प्रयागराज), धौरहरा (वाराणसी), हलिया (मिर्जापुर), उरला जागीर (बरेली), रायपुर (बहराइच), श्रीनगर (महोबा) तथा मीढाकर (आगरा) कलस्टर में तय शहरी सुविधाओं का विकास किया जा रहा है।
अपर मुख्य सचिव ग्राम्य विकास विभाग मनोज कुमार सिंह ने बताया, रूर्बन मिशन के तहत केंद्र सरकार से 200 नये क्लस्टर की मांग की गई है। इन क्लस्टरों के स्वीकृत हो जाने पर करीब 2000 ग्राम पंचायतों में तमाम शहरी सुविधाओं के विकास का कार्यक्रम चलेगा।