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बदहासल हो गया है बिरसा उच्च विद्यालय का छात्रावास

अड़की के जोजोहातू गांव में स्थित 100 बेड का छात्रावास इस कदर बदहाल है कि अब इसमें 10-12 छात्र ही रहते हैं। यहां बिजली व पानी तो है, लेकिन छात्रावास...

बदहासल हो गया है बिरसा उच्च विद्यालय का छात्रावास
हिन्दुस्तान टीम,रांचीSat, 25 May 2024 01:15 AM
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अड़की, प्रतिनिधि। अड़की के जोजोहातू गांव में स्थित 100 बेड का छात्रावास इस कदर बदहाल है कि अब इसमें 10-12 छात्र ही रहते हैं। यहां बिजली व पानी तो है, लेकिन छात्रावास की बदहाली के कारण छात्र यहां रहना पसंद नहीं करते। भवन की स्थिति ठीक है, लेकिन खिड़की दरवाजे टूट-फुट गए हैं। छात्रावास के कुछ कमरों में तो गांव के कुछ बदमाश किस्म के लोगों के द्वारा शैच कर दिया गया है। कुल 32 कमरों वाले इस छात्रावास में मजबूरीवश 10-12 छात्र किसी तरह दो कमरों में रहते हैं। इस छात्रावास में अधीक्षक हैं या नहीं छात्रों को पता नहीं, लेकिन छात्रावास में कभी अधीक्षक नहीं आते। गांव के लोगों ने इस छात्रावास की स्थिति में सुधार लाने की मांग जिला प्रशासन से की है। ताकि सुदूर ग्रामीण इलाके के बच्चों को शिक्षा मिल सके।

अड़की प्रखंड के उपर बालालोंग पंचायत का गांव है जोजोहातू। यह वही गांव है, जहां नक्सलियों की चलती थी। जोजोहातू समेत आसपास के गांव, जंगल पहाड़ों पर नक्सलियों का राज था। नक्सलवाद पर लगाम लगाने के लिए यहां फोर्स का कैंप भी लगा था। नक्सलवाद और समस्याओं के बीच जकड़े इस इलाके में अशिक्षा के अंधकार को मिटाकर शिक्षा की रोशनी बिखेरने की कोशिश में कुछ शिक्षाविदों के द्वारा बिरसा उच्च विद्यालय का संचालन सार्वांगिण ग्रामीण विकास संस्था के द्वारा प्रारंभ किया गया। संस्था के अध्यक्ष तत्कालीन सांसद कड़िया मुंडा थे। महज 700-800 मासिक मानदेय पर शिक्षकों ने भूखे पेट रहकर भी बच्चों को शिक्षा देना प्रारंभ किया। 10 से 15 किमी पैदल जंगल-पहाड़ लांघकर बच्चे शिक्षा पाने यहां आने लगे। इस स्कूल का रिजल्ट हमेशा बेहतर रहा। तब से अब तक स्कूल अनुशासित ढ़ंग से चलता है। वर्तमान में इस स्कूल में 258 विद्यार्थी नामांकित हैं।

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