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Hindi News उत्तर प्रदेश मुरादाबादसॉफ्टवेयर इंजीनियर को घर में 29 घंटे रखा डिजिटल अरेस्ट, ठगे 12 लाख

सॉफ्टवेयर इंजीनियर को घर में 29 घंटे रखा डिजिटल अरेस्ट, ठगे 12 लाख

सिविल लाइंस थाना क्षेत्र निवासी सॉफ्टवेयर इंजीनियर को 29 घंटे तक घर में डिजिटल अरेस्ट कर साइबर ठगों ने 11 लाख 95 हजार 504 रुपये ऐंठ लिए। क्राइम...

सॉफ्टवेयर इंजीनियर को घर में 29 घंटे रखा डिजिटल अरेस्ट, ठगे 12 लाख
हिन्दुस्तान टीम,मुरादाबादFri, 24 May 2024 01:45 AM
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मुरादाबाद के सिविल लाइंस थाना क्षेत्र निवासी सॉफ्टवेयर इंजीनियर को 29 घंटे तक घर में डिजिटल अरेस्ट कर साइबर ठगों ने 11 लाख 95 हजार 504 रुपये ऐंठ लिए। क्राइम ब्रांच अधिकारी बनकर आरोपियों ने जांच के नाम पर इंजीनियर और उसकी पत्नी को घर में ही फोन पर उलझाए रखा। इसके बाद वेरिफिकेशन के नाम रकम ट्रांसफर करा लिया। पीड़ित ने सिविल लाइंस थाने में केस दर्ज कराया है।
थाना सिविल लाइंस के आशियाना निवासी युवक ग्रुरुग्राम की एक कंपनी में सॉफ्टवेयर इंजीनियर है। उसने सिविल लाइंस पुलिस को दी गई तहरीर में बताया कि 15 मई की दोपहर 11:32 बजे उनके मोबाइल पर एक अंजान नंबर से कॉल आई। जिसमें बताया कि फेड एक्स कंपनी का पार्सल रिटर्न हुआ है। इसके बाद उसने एक नंबर देकर कहा कि यह कस्टमर केयर नंबर है इनसे बात करो। बाद में कॉल करने पर कस्टमर केयर वाले ने बताया कि मुंबई एयरपोर्ट पर नारकोटिक्स डिपार्टमेंट ने एक पार्सल पकड़ा है। इसके अंदर पांच पासपोर्ट, तीन बैंक क्रेडिट कार्ड, कुछ कपड़े, एक लैपटॉप, 140 ग्राम एमडीएम ड्रग्स है। यह पार्सल ताइवान के लिए था। पार्सल को मुंबई एयरपोर्ट पर नारकोटिक्स डिपार्टमेंट ने सीज किया है। यह भी बताया कि इस पार्सल के साथ आपका आधार अटैच है। इसके बाद सामने वाले ने कहा कि आपके आधार कार्ड का इस्तेमाल अवैध रूप से पैसा ट्रांसफर कराने (हवाला) के लिए किया गया है इसलिए आपके ऊपर मनी लांड्रिंग का केस बनेगा। इस तरह इंजीनियर को कार्रवाई होने का डर दिखाया गया।

पीड़ित ने कहा कि उसने किसी को अपना आधार कार्ड नहीं दिया है और न ही कभी कोई पार्सल कहीं भेजा या मंगाया है। इसके बाद कॉल करने वाले ने कहा कि मुंबई क्राइम ब्रांच में अपनी शिकायत दर्ज करा दीजिए। इसके बाद केस खत्म हो जाएगा। थोड़ी देर बाद इंजीनियर के मोबाइल पर स्काइप एप और व्हाट्सएप नंबर से वीडियो कॉल आई। इसमें पुलिस ऑफिस जैसा सेटअप दिखा। बाद में सामने वालों ने इंजीनियर से कहा कि जब तक जांच हो रही है तब तक वीडियो कॉल पर बने रहना। इस तरह इंजीनियर और उनकी पत्नी को एक तरह से घर में ही कैद कर दिया। क्राइम ब्रांच अधिकारी ने तरह-तरह की जानकारी लेकर जांच की बात कही। अगले दिन 16 मई को दोपहर करीब एक बजे वेरिफेकेशन के नाम पर पहली बार 8 लाख 22 हजार 484 रुपये और उसके बाद 3 लाख 73 हजार 24 रुपये यश बैंक के एक खाते में आरटीजीएस से ट्रांसफर करा लिए। पीड़ित के अनुसार आरोपियों ने 15 मई को दोपहर करीब 12 बजे से 16 मई को शाम पांच तक उसे और उसकी पत्नी को डिजिटल अरेस्ट रखा। इसके लिए आरोपियों ने स्काइप और व्हाट्सएप वीडियो काल का इस्तेमाल किया। इस संबंध में सीओ सिविल लाइंस अर्पित कपूर ने बताया कि पीड़ित की तहरीर के आधार पर अज्ञात आरोपियों के खिलाफ सिविल लाइंस थाने में धोखाधड़ी और आईटी एक्ट के तहत केस दर्ज किया गया है। साइबर सेल की मदद से जांच की जा रही है।

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