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Hindi News बिहार सीतामढ़ीधरती आग उगल रही, अंबर से बरस रहे अंगारे हैं....

धरती आग उगल रही, अंबर से बरस रहे अंगारे हैं....

सीतामढ़ी। कला -संगम एवं पं. चंद्रशेखर धर शुक्ल साहित्यिक व सांस्कृतिक संस्थान के संयुक्त...

धरती आग उगल रही, अंबर से बरस रहे अंगारे हैं....
हिन्दुस्तान टीम,सीतामढ़ीMon, 27 May 2024 12:01 AM
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सीतामढ़ी। कला -संगम एवं पं. चंद्रशेखर धर शुक्ल साहित्यिक व सांस्कृतिक संस्थान के संयुक्त तत्वावधान में रविवार को डुमरा प्रखंड के बाजितपुर स्थित रामाश्रय पुस्तकालय परिसर में विचार गोष्ठी सह कवि गोष्ठी आयोजित की गई।
कवि गोष्ठी की अध्यक्षता वरिष्ठ साहित्यानुरागी अरुण कुमार प्रसाद ने और संचालन गीतकार गीतेश ने किया। वक्ताओं ने कहा कि मोबाइल में डूब रही युवा पीढ़ी को इस दलदल से बाहर निकालने की जरूरत है। ये भी सच है कि नेट की गिरफ्त में बुरी तरह फंस चुकी पीढ़ी को निकालना इतना आसान भी नहीं है, लेकिन इसके लिए हमें प्रयास करने की जरूरत है। फलों के इस मौसम में हमें लीची महोत्सव, आम महोत्सव का आयोजन कर युवाओं को इससे जोड़ने की जरूरत है। ऐसी पहल से युवाओं पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। वक्ताओं में मुरादपुर पंचायत के मुखिया संजीव कुमार बाजितपुरी, सरपंच सुधीर कुमार, शिक्षाविद् मनीष कुमार, पतंजलि युवा प्रभारी सुरेश कुमार, डॉ. मो. आसिफ आदि मुख्य थे।

कार्यक्रम के द्वितीय सत्र में कवि गोष्ठी का आगाज गीतेश की रचना ‘ हौसला जब पास होता है, हर लम्हा तब खास होता है, काबिलियत गर है आपमें तो, खिजां में भी मधुमास होता है से हुआ। युवा कवि कृष्णनंदन लक्ष्य ने अपनी कविता ‘ धरती आग उगल रही, अंबर बरसा रहे अंगारे है से मौसम का हाल बयां किया। अवनीश अक्षत ने अपनी रचना ‘ जिंदगी की अदा को लाजवाब कीजिए, खुद को कांटा नहीं गुलाब कीजिए से महफिल में इंद्रधनुषी छटा बिखेर दी।

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