अब फाइबर के रेल डिब्बों में होगी नमक की ढुलाई, रफ्तार में तेजी के साथ होंगे कई और फायदे; जानें डिटेल
अब नमक की ढुलाई कम समय में और सुरक्षित तरीके से हो सकेगी। इसके लिए एमएनएनआईटी के वैज्ञानिकों की मदद से ग्लास फाइबर रेनफोर्स पालीमर (जीएफआरपी) का इस्तेमाल कर मालगाड़ी के डिब्बे तैयार किए जाएंगे।
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Transportation of salt by goods train: अब नमक की ढुलाई कम समय में और सुरक्षित तरीके से हो सकेगी। इसके लिए मोती लाल नेहरू राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (एमएनएनआईटी) के वैज्ञानिकों की मदद से ग्लास फाइबर रेनफोर्स पालीमर (जीएफआरपी) का इस्तेमाल कर मालगाड़ी के डिब्बे तैयार किए जाएंगे। प्रथम चरण में संस्थान के वैज्ञानिकों ने कम्प्यूटर की मदद से इसका डिजाइन तैयार कर लिया है। जल्द ही रेलवे को डिजाइन भेजी जाएगी। रेलवे से मंजूरी के बाद भोपाल में वैगन का निर्माण कार्य शुरू हो जाएगा।
भारतीय रेलवे के इनोवेशन एंड स्टार्टअप पोर्टल के माध्यम से संस्थान को यह प्रोजेक्ट मिला है। 2.06 करोड़ रुपये के इस प्रोजेक्ट में पचास प्रतिशत जायरन टेक्नॉलॉजी भोपाल ने दिया है जबकि शेष राशि रेलवे की तरफ से दी गई है। प्रोजेक्ट में शामिल संस्थान के मैकेनिकल विभाग के प्रो. मुकुल शुक्ल ने बताया कि अभी तक मॉलवाहक वैगन अधिक वजनदार होते हैं। इससे भार वाहन की क्षमता कम हो जाती है। डिब्बों का वजन ज्यादा होने से मालगाड़ी की गति भी प्रभावित होती है लेकिन इस प्रोजेक्ट के तहत ग्लास फाइबर रेन फोर्स पॉलीमर (जीएफआरपी) इस्तेमाल किया जाएगा। यह काफी हल्का होगा।
इससे मालवाहक ट्रेनों की गति तो बढ़ेगी ही, ढुलाई की जानी वाली सामग्री भी सुरक्षित रहेगी। अभी वैगन में जंग लगने की वजह से सामग्री को नुकसान होता है। भार कम किए जाने से रेल पटरी भी सुरक्षित रहेगी। मध्य रेलवे के डीआरएम की देखरेख में जायरन टेक्नोलॉजी भोपाल में इस वैगन को तैयार किया जाएगा। इस पर काम शुरू हो गया है।
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