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मालगाड़ियों का संचालन बन न जाए हादसे का सबब

इंजीनियरिंग विभाग की चेतावनी मालगाड़ियों का संचालन सवारी ट्रेनों के लिए...

मालगाड़ियों का संचालन बन न जाए हादसे का सबब
हिन्दुस्तान टीम,लखनऊSat, 20 Oct 2018 07:57 PM
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चारबाग यार्ड व प्लेटफार्मों से गुजर रही है रोजाना तीस से अधिक मालगाड़ियांइंजीनियरिंग विभाग की चेतावनी मालगाड़ियों का संचालन सवारी ट्रेनों के लिए खतरनाक पटरियों में लचक व स्लीपर गए है टूट लखनऊ। कार्यालय संवाददाताट्रेनों के प्लेटफार्म पर आने के लिए बनी लूप लाइन की हालत खस्ता हो चुकी है। पटरियों को जोड़ने वाले सीमेंट व लकड़ी के 30 प्रतिशत स्लीपर टूट चुके हैं। ऐसा सिर्फ इसलिए हुआ कि जिन पटरियों से सवारी ट्रेनों का चलाना था। रेलवे ने उस पर से सीमेंट, कोयला और लोहा लदी मालगाड़ियां चलाना शुरू कर दी है। इंजीनियरिंग विभाग ने चेतावनी दी कि मालगाड़ियों का संचालन प्लेटफार्म से न किया जाए लेकिन आय बढ़ाने के लिए अब भी मालगाड़ियां चारबाग रेलवे स्टेशन के मुख्य प्लेटफार्म से दौड़ रही हैं। जो कभी भी बड़े रेल हादसे का सबब बन सकती है। सवारी ट्रेनों से अधिक रेलवे को मालगाड़ी से आय हो रही है। पिछले साल करीब 5 हजार करोड़ रुपए की आय रेलवे को मालगाड़ी संचालन से हुई थी। मौजूदा समय में रेलवे मालगाड़ियों का संचालन प्राथमिकता पर करा रहा है। हालात ये है कि मालगाड़ियों और एक्सप्रेस ट्रेनों को आउटर पर खड़ा करके मालगाड़ियों को चला रहा है। लोडेड मालगाड़ियों के संचालन से पटरियों में लचक आ गई है। जो रेल संचालन के लिए खतरनाक साबित हो सकती है। इंजीनियरिंग विभाग ने पत्र लिख कर चेताया है कि मालगाड़ियों का संचालन प्लेटफार्मों से न कराया जाए। असल में चारबाग यार्ड से मालगाड़ियों को निकाला जाता है लेकिन मालगाड़ियों की अधिकता की वजह से यार्ड में लाइनों की कमी हो गई है। इसे इनको प्लेटफार्म से निकाला जा रहा है। कर्मचारी लिख चुके हैं पत्र स्लीपर व पटरियों की हालत अचानक ही खराब नहीं हुई। काफी पहले कर्मचारी ने डीआरएम कार्यालय में पत्र लिख कर चेताया था कि मालगाड़ियों के संचालन से पटरियों की हालत खराब होती जा रही है। रेलवे बोर्ड में बैठे कुछ अधिकारियों ने मालगाड़ियों के संचालन को अपनी वरीयता बना रखा है। मालगाड़ियों से होने वाली आय में कमी न आए इसलिए अधिकारियों से रेल यात्रियों को जिंदगी को खतरें में डाल दिया है। सवारी ट्रेनें ही क्षमता से अधिकचारबाग रेलवे स्टेशन पर पहले ही सवारी ट्रेनें क्षमता से अधिक दौड़ रही है। मौजूदा समय में तीन सौ से अधिक मेल व एक्सप्रेस ट्रेनें चारबाग से चलाई जा रही है जबकि पटरियों की क्षमता सौ से अधिक ट्रेनों की नहीं है। जानकारों की मानें तो पटरियों पर 80 प्रतिशत ट्रेनों का संचालन होना चाहिए लेकिन 120 प्रतिशत ट्रेनें संचालित हो रही है। नियमित ट्रेनों के साथ करीब चारबाग यार्ड व प्लेटफार्म से रोजाना 30 से अधिक मालगाड़ियों को निकाला जाता है। खाली मालगाड़ी 5 किमी की रफ्तार से चलेइंजीनियरिंग विभाग ने काफी पहले रेलवे अधिकारियों को पत्र लिखा कर बताया है कि ट्रैक मालगाड़ियों के संचालन के लिए फिट नहीं है। प्लेटफार्मों से खाली मालगाड़ी को 5 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से चलाया जाए। इसमें भी इनको 4 व 5 नम्बर प्लेटफार्म से ही चलाए। साथ ही लोडेड मालगाड़ी का संचालन प्लेटफार्मों से न किया जाए। इसके बाद चारबाग प्लेटफार्म नम्बर एक से मालगाड़ी चलाई जा रही है।