कश्मीरी पंडितों की जान बचाने को तो... टारगेट किलिंग पर क्या बोले केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह
पिछले सात महीने से करीब 6000 कश्मीरी पंडितों ने मारे डर के दफ्तर का रुख नहीं किया। डॉ. जितेंद्र ने कहा कि वे एक व्यक्ति की जान बचाने के लिए भी दर्जनों सरकारी दफ्तर बंद रखना पसंद करेंगे।
इस खबर को सुनें
भाजपा के वरिष्ठ नेता और केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने कश्मीर पंडित कर्मचारियों के समर्थन में बड़ा बयान दिया। उन्होंने कहा कि कश्मीरी पंडित मौत के खौफ से सरकारी कार्यालयों में नहीं जा रहे हैं। पिछले सात महीने से करीब 6000 कश्मीरी पंडितों ने मारे डर के दफ्तर का रुख नहीं किया। उन्होंने कहा कि वे एक व्यक्ति की जान बचाने के लिए भी दर्जनों सरकारी दफ्तर बंद रखना पसंद करेंगे। दरअसल, पंडितों ऑफिस नहीं आने की वजह से उपराज्यपाल ने सैलरी देने के इनकार कर दिया है। जिसे लेकर पंडित प्रदर्शन कर रहे हैं और जम्मू में ट्रांसफर करने की मांग कर रहे हैं।
प्रधानमंत्री विशेष रोजगार योजना के तहत घाटी लौटे करीब 6,000 कश्मीरी पंडित कर्मचारी लक्षित हमलों के विरोध में पिछले सात महीने से अपने कार्यालय नहीं जा रहे हैं। कश्मीरी पंडितों की मांग का समर्थन करने के लिए कड़े शब्दों में बयान देते हुए डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि वह खतरे का सामना कर रहे एक व्यक्ति की जान बचाने के लिए दर्जनों सरकारी कार्यालयों को बंद करना पसंद करेंगे।
राज्यपाल बोले- काम नहीं तो सैलरी भी नहीं
इससे पहले बीजेपी के दो महासचिव तरुण चुघ और दिलीप सैकाई शनिवार को जम्मू पहुंचे और प्रदर्शनकारी कर्मचारियों से मुलाकात की और उनकी मांगों को पूरा करने का वादा किया। बुधवार को, उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने एक "ज़ोरदार और स्पष्ट संदेश" में कहा था कि कश्मीरी पंडितों के कर्मचारियों को घर बैठे कोई वेतन नहीं दिया जाएगा।
सिन्हा ने कहा, "हमने 31 अगस्त तक उनके वेतन का भुगतान कर दिया है। लेकिन जब वे घर बैठे हैं तो उन्हें वेतन का भुगतान नहीं किया जा सकता है। यह उनके लिए एक जोरदार और स्पष्ट संदेश है। उन्हें (पंडित कर्मचारियों को) इसे सुनना और समझना चाहिए।" कई कश्मीरी पंडितों और आरक्षित वर्ग के कर्मचारियों ने जम्मू में भाजपा मुख्यालय के बाहर अपना विरोध प्रदर्शन तेज कर दिया है।
पंडितों को बलि का बकरा नहीं बनने देंगे
जम्मू और कश्मीर में स्थानीय बीजेपी नेतृत्व ने कहा है कि अगर सरकार हाल के लक्षित हमलों के बाद कश्मीरी पंडितों के कर्मचारियों और आरक्षित श्रेणियों के लोगों को कश्मीर घाटी में काम करने के लिए मजबूर करती है तो वे बलि का बकरा नहीं बनने देंगे। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष रविंदर रैना ने उपराज्यपाल मनोज सिन्हा पर परोक्ष रूप से हमला बोला और कश्मीर की जमीनी स्थिति की हकीकत जानने के लिए एक बार प्रदर्शनकारी कर्मचारियों से मिलने को कहा।
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष ने कहा, "जब आप (उपराज्यपाल) उनकी बात सुनेंगे तो आपको जमीनी हकीकत का पता चल जाएगा।" रैना ने कहा कि एलजी को स्थिति के बारे में ठीक से जानकारी नहीं दी जा सकती है और यही कारण है कि सिन्हा ने विरोध करने वाले पंडित कर्मचारियों के वेतन पर ऐसा बयान दिया।