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चिरिया सेल गेट के समीप मजदूरों ने किया छंटनी का किया विरोध

चिरिया।श्रम रोजगार मंत्रालय भारत सरकार दिल्ली के आदेश पर चिरिया दुबिल माइंस के 378 मजदूरों को छंटनी 22 जनवरी को कर दिया...

 चिरिया सेल गेट के समीप मजदूरों ने किया छंटनी का किया विरोध
हिन्दुस्तान टीम,चक्रधरपुरWed, 14 Feb 2024 01:45 AM
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चिरिया।श्रम रोजगार मंत्रालय भारत सरकार दिल्ली के आदेश पर चिरिया दुबिल माइंस के 378 मजदूरों को छंटनी 22 जनवरी को कर दिया गया। छंटनी के 21वें दिन सोमवार को ठेका मजदूरों ने गेट जाम कर विरोध प्रदर्शन किया। साथ ही छंटनी किए गए 378 मजदूरों को काम पर जल्द वापस लेने और बकाया राशि जल्द भुगतान ठेका कंपनी से करने की मांग की। विरोध प्रदर्शन के दौरान ठेका मजदूर सेल प्रबंधक और ठेका कंपनी एनएसआईपीएल के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। मजदूरों ने सेल नारा लगाते हुए कहा कि सेल प्रबंधन होश में आओ, ठेका मजदूरों की छंटनी करना बंद करो। बाद में जीएम रवि रंजन के बुलावे पर यूनियन नेता राजेश विश्वकर्मा, नवल किशोर सिंह और राजकुमार लोहार के साथ सेल कार्यालय में घंटों वार्ता हुई। लेकिन वार्ता बेनजीता पर ही खत्म हो गया। विरोध प्रदर्शन स्थल पर ठेका मजदूरों को संबेधित करते हुए मजदूर नेता राजकुमार लोहार ने कहा कि छोटानागपुर टेंडेंसी एक्ट विल्किंसन रुल में लिखा हुआ हैं कि माइंस आदिवासी बहुल क्षेत्र में बना है तथा चिरिया माइंस के चारों ओर आदिवासी जनजाति के लोग ही रहते हैं, तो सरकार द्वारा माइंस चलाने का आदेश इसलिए दिया गया कि माइंस के चारों ओर रहने वाले बेरोजगार आदिवासियों को रोजगार मिले। लेकिन यहां रोजगार तो नहीं दिया जा रहा हैं बल्कि मजदूरों से रोजगार छिना जा रहा हैं। उन्होंने कहा कि पूर्व में चिरिया माइंस में 852 ठेका मजदूर काम करते थे। लेकिन छंटनी करते करते आज माइंस में मात्र 378 मजदूर बच गए हैं। जिसे भी सेल छंटनी कर माइंस को मशीनीकरण करने की योजना हैं। लेकिन सेल की यह योजना किसी भी कीमत में पूरी होने नहीं दिया जाएगा। मजदूर नेता राजेश विश्वकर्मा और नवल किशोर सिंह ने भी कहा कि मजदूरों का हक छिनने नहीं नहीं दिया जाएगा। अब ठेका कंपनी की छंटनी की जाएगी। क्योंकि एनएसआईपीएल के कार्यकाल में मजदूरों का शोषाण और अत्याचार बढ़ गई हैं। ठेका मज़दूरों की मांगे पूरी होने तक सेल और ठेका कंपनी से लडाई जारी रहेगी। मौके पर गौरी शंकर, महाबीर नायक, निरोद नायक, गुनी कुमार, मनीलाल बरजो, राधेश्याम महतो, जानुम सिंह होनहागा के साथ काफी संख्या में ठेका मजदूर मौजूद थे।

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