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Hindi News चुनाव लोकसभा चुनाव 2024जब लोकसभा चुनाव में बॉलीवुड सुपरस्टार की एंट्री से ऐसा माहौल बना, जीती बाजी हार गए अटल जी

जब लोकसभा चुनाव में बॉलीवुड सुपरस्टार की एंट्री से ऐसा माहौल बना, जीती बाजी हार गए अटल जी

Lok Sabha Chunav Kisse: बात 1962 की है, जब अटल बिहारी वाजपेयी यूपी की बलरामपुर सीट से अपनी जीत को लेकर पूरी तरह से आश्वस्त थे। लेकिन, बॉलीवुड सुपरस्टार की एंट्री ने पूरा गेम बिगाड़ दिया।

जब लोकसभा चुनाव में बॉलीवुड सुपरस्टार की एंट्री से ऐसा माहौल बना, जीती बाजी हार गए अटल जी
Gaurav Kalaवार्ता,मुंबईTue, 21 May 2024 12:39 PM
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Lok Sabha Chunav Kisse: लोकसभा चुनाव के लिए पांच चरणों का मतदान हो चुका है। अब  25 मई को छठे चरण पर वोटिंग की जाएगी। इस दिन आठ राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों की 58 सीटों के लिए वोट डाले जाएंगे। इसमें यूपी की श्रावस्ती लोकसभा सीट भी शामिल है। श्रावस्ती को 2009 के परिसीमन से पहले बलरामपुर कहा जाता था। इस सीट पर लोकसभा चुनाव का रोचक किस्सा रहा है। पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी ने इस सीट पर 1957 का चुनाव जीता था लेकिन, 1962 की चुनावी लड़ाई में वो तब हार गए जब उनकी जीत पक्की मानी जा रही थी। एक बॉलीवुड सुपरस्टार की चुनाव प्रचार में एंट्री ने वाजपेयी को चुनाव हरवा दिया। 

नेहरू के आग्रह पर सुभद्रा जोशी ने लड़ा चुनाव
उत्तर प्रदेश की बलरामपुर लोकसभा सीट से पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी वर्ष 1962 में भी चुनावी रण्भूमि में उतरे। इस चुनाव में उनके सामने कांग्रेस प्रत्याशी सुभद्रा जोशी थीं। इससे पहले वह वर्ष 1952 में पंजाब के करनाल और वर्ष 1957 में अंबाला से सांसद रह चुकी थीं और दिल्ली में बस गई थीं। तत्कालीन प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू के आग्रह पर वह बलरामपुर से चुनाव लड़ने को राजी तो हो गईं लेकिन, वह चाहती थीं कि नेहरू उनके लिए चुनाव प्रचार करें। लेकिन, नेहरू ने अटल जी के कारण प्रचार से परहेज किया। लेकिन, सुभद्रा जोशी के लिए प्रचार के लिए अभिनेता बलराज साहनी से बात की। साहनी उस वक्त दो बीघा जमीन फिल्म के बाद जनता में अपनी पहचान बना चुके थे। 

अपनी जीत पर आश्वस्त क्यों थे अटल जी
बलरामपुर सीट के लिए अटल बिहारी वाजपेयी अपनी जीत को लेकर आश्वस्त थे। इसके पीछे की वजह भी यह थी कि सुभद्रा दिल्ली की रहने वाली थीं और उनका न तो बलरामपुर से वास्ता था और न ही स्थानीयों के बीच उनकी पहचान। अटल जी इस सीट पर पिछला चुनाव जीत चुके थे और जानते थे कि जनता जीते हुए कैंडिडेट को ही चुनेगी। हालांकि वह अपने चुनाव प्रचार में जुट गए। 

बलराज साहनी की लहर में बन गया माहौल
उधर, जब लोगों को पता लगा कि बलरामपुर में सुभद्रा जोशी के समर्थन में बलराम साहनी आ रहे हैं तो लोगों की रैलियों में भीड़ जुटने लगी। बताया जाता है कि बलराज साहनी बलरामपुर में शायर बेकल शाही के घर पर ठहरे थे और वही से सुभद्रा जोशी सहित वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं ने प्रचार की स्क्रिप्ट तैयार की। चुनाव प्रचार के दौरान आलम यह था कि लोग बलराज साहनी की एक झलक देखने के लिए घरों की छतों और खिड़कियों पर खड़े दिखाई दिए। बलरामपुर की गलियों और चौबारे भीड़ उमड़ी से पट गए। बलराज साहनी ने जनसभा की और कांग्रेस के लिए वोट मांगे।

चुनाव हार गए अटल जी
सुभद्रा जोशी के पक्ष में ऐसा माहौल बना कि अटल बिहारी वाजपेयी अपनी जीती हुई सीट बलरामपुर हार गए। कांग्रेस प्रत्याशी सुभद्रा जोशी ने भारतीय जनसंघ उम्मीदवार अटल बिहारी वाजपेयी को सिर्फ 2052 वोट से हराया। बाद में वाजपेयी ने अपनी हार का बदला भी लिया। वर्ष 1967 में भारतीय जनसंघ प्रत्याशी अटल बिहारी वाजपेयी ने बलरामपुर से ही कांग्रेस की प्रत्याशी सुभद्रा जोशी को 31 हजार 704 मतों के अंतर से हराया।