वो अपनों को छोड़ने आए, रेलवे ने 64 लाख कमाए
ट्रेनों में अपनों को बैठाने जाने वाले लोग भी रेलवे की कमाई में बड़ा योगदान दे रहे हैं। प्लेटफॉर्म टिकट लेकर रेलवे स्टेशन जाने वाले लोगों से अच्छी...
प्रयागराज। अभिषेक मिश्र
ट्रेनों में अपनों को बैठाने जाने वाले लोग भी रेलवे की कमाई में बड़ा योगदान दे रहे हैं। प्लेटफॉर्म टिकट लेकर रेलवे स्टेशन जाने वाले लोगों से अच्छी खासी कमाई हो रही है। अगर प्रयागराज मंडल की बात की जाए तो दिसंबर से फरवरी तक तीन महीनों में केवल प्लेटफॉर्म टिकट से 64 लाख 48 हजार 820 रुपये की आय रेलवे को हुई है। वहीं इसी अवधि में अकेले प्रयागराज जंक्शन पर 15 लाख 87 हजार 830 रुपये की आय प्राप्त हुई है।
ट्रेनों में मुसाफिर सफर करते हैं तो अक्सर उनके घर वाले उन्हें छोड़ने जाते हैं। रेलवे का नियम है कि जो लोग छोड़ने जाते हैं, उन्हें भी प्लेटफॉर्म टिकट लेना होता है। इस वक्त प्लेटफॉर्म टिकट 10 रुपये का है। दिसंबर से फरवरी तक प्रयागराज मंडल में छह लाख 44 हजार 882 टिकट बेचा गया। जिससे 64 लाख 48 हजार 820 रुपये की आय प्राप्त हुई है। इसी अवधि में बीते साल प्रयागराज मंडल में छह लाख 19 हजार 207 टिकट बेचे गए थे। जिससे 61 लाख 92 हजार 70 रुपये की आय हुई थी। प्रयागराज जंक्शन की बात की जाए तो मंडल के सभी स्टेशनों की लगभग एक चौथाई आय इसी स्टेशन पर प्लेटफॉर्म टिकट बेचकर हुई है। यहां दिसंबर से फरवरी तक तीन महीनों में कुल एक लाख 58 हजार 783 लोगों ने प्लेटफॉर्म टिकट खरीदा, जिससे रेलवे को 15 लाख 87 हजार 830 रुपये की आय हुई। इसी अवधि में पिछले साल प्रयागराज जंक्शन पर कुल एक लाख 51 हजार 115 टिकट बेचकर 15 लाख 11 हजार 150 रुपये की आय प्राप्त हुई है।
जागरूकता के कारण बढ़ी आमदनी
कुछ साल पहले तक प्लेटफॉर्म टिकट तीन रुपये का था, जिसे बाद में बढ़ाकर पांच और कोविड काल में 50 रुपये तक किया गया था। कोरोना काल में प्लेटफॉर्म टिकट का दाम बहुत अधिक बढ़ाने का कारण लोगों की भीड़ को कम करना था। हालांकि बाद में इसे वापस कम कर 10 रुपये कर दिया गया। हर बार प्लेटफॉर्म टिकट बढ़ने पर शुरुआत में लोगों को भले ही अच्छा न लगा हो, लेकिन बाद में स्टेशनों पर व्यवस्था बढ़ाने के नाम पर आम नागरिकों में जागरूकता आई और आज सहजता से लोगों ने इसे स्वीकार किया।
प्लेटफॉर्म पर अगर कोई आता है और यात्रा का टिकट नहीं है तो उसे प्लेटफॉर्म टिकट लेना होता है। आम यात्रियों में लगातार इसके प्रति जागरूकता फैलाई जाती है।
अमित सिंह, पीआरओ प्रयागराज मंडल