पुलिस आयुक्त न्यायालय में गुंडा एक्ट के 712 मामले निस्तारित
पुलिस आयुक्त रमित शर्मा की कोर्ट ने शनिवार को गुंडा एक्ट के मामलों का निस्तारण करने के लिए मैराथन कार्यवाही की। 14 घंटे तक सुनवाई...
प्रयागराज। पुलिस आयुक्त रमित शर्मा की कोर्ट ने शनिवार को गुंडा एक्ट के मामलों का निस्तारण करने के लिए मैराथन कार्यवाही की। 14 घंटे तक सुनवाई चली। सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ताओं ने ऑनलाइन नि:शुल्क पैरवी की। सुबह से रात तक चली सुनवाई के दौरान 712 वादों का निस्तारण किया गया। सभी आरोपी गुंडा एक्ट में बरी हो गए। प्रयागराज में पुलिस कमिश्नरेट व्यवस्था लागू होने के बाद 3853 गुंडा एक्ट के वाद पुलिस आयुक्त न्यायालय स्थानान्तरित हुए थे। यह वाद वर्ष 2008 से लेकर 2022 तक के थे।
इतने अधिक लंबित वादों को अभियान चलाकर निस्तारित करने के लिए पुलिस आयुक्त न्यायालय को सप्ताह में दो की जगह तीन दिन सुनवाई की। इसी अभियान के तहत पिछले शनिवार 107 वादों का निस्तारण किया गया था। इस शनिवार को 14 घंटे से ज्यादा समय तक चली कार्यवाही में सुप्रीम कोर्ट की अधिवक्ता स्मिता दीक्षित और करन मल्होत्रा ने ऑनलाइन पैरवी करके 712 आरोपियों को गुंडा एक्ट से बरी कराया। राज्य सरकार की ओर से अभियोजन अधिकारी आनन्द कुवर गुप्त ने अपना पक्ष रखा था। पुलिस आयुक्त न्यायालय ने गुंडा एक्ट के 712 मामले निस्तारित किया।
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