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टाइमिंग 40 की और दौड़ रहीं हैं नब्बे गुड्स ट्रेनें

एक्सप्रेस ट्रेनों की रफ्तार को मालगाड़ी रोक रहीं हैं। मंडल में रेलवे के ट्रैफिक को देखते हुए केवल 40 मालगाड़ियां चलाने की गुंजाइश हैं, लेकिन रोजाना 90 से अधिक ट्रेनें चलाई जा रहीं हैं। मालगाड़ी की...

टाइमिंग 40 की और दौड़ रहीं हैं नब्बे गुड्स ट्रेनें
हिन्दुस्तान टीम,मुरादाबादTue, 05 Jun 2018 08:17 PM
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एक्सप्रेस ट्रेनों की रफ्तार को मालगाड़ी रोक रहीं हैं। मंडल में रेलवे के ट्रैफिक को देखते हुए केवल 40 मालगाड़ियां चलाने की गुंजाइश हैं, लेकिन रोजाना 90 से अधिक ट्रेनें चलाई जा रहीं हैं। मालगाड़ी की लंबाई और रफ्तार भी एक्सप्रेस और मेल ट्रेनों के लेट होने का सबसे बड़ा कारण है।

मंडल में ट्रेनों के समयबद्ध संचालन की समीक्षा में ऐसे तमाम कारण सामने आ रहे हैं। रेलवे का वाणिज्य विभाग आमदनी का हवाला देकर अधिक से अधिक मालगाड़ियों के संचालन के पक्ष में है। दिल्ली से कोलकाता के बीच डबल ट्रैक होने के बाद भी ट्रेनों के पटरी पर न आने के पीछे ट्रैक पर रेंगती मालगाड़ियां है। सूत्रों का कहना है कि मालगाड़ी की अधिकतम स्पीड 40 से 50 किमी प्रति घंटे है। ऐसे में मालगाड़ी के पीछे एक्सप्रेस ट्रेनों को रोक कर चलाना रेल प्रबंधन की मजबूरी है।

लखनऊ और गाजियाबाद में ही रुकेगी मालगाड़ी

चालक और गार्ड की कमी के कारण दो से तीन मालगाड़ियों को जोड़कर चलाया जा रहा है। ऐसे में बोगियों की संख्या 70 से 74 के बीच पहुंच जाती है। अब इन ट्रेनों का स्टापेज भी दूर रखना पड़त है। मुरादाबाद से डाउन दिशा की ओर रवाना गाड़ी लखनऊ और अप साइड में रवाना मालगाड़ी गाजियाबाद में ही रुक सकेगी। इस वजह से एक्सप्रेस ट्रेनों का संचालन प्रभावित हो रहा है।

चालक-गार्ड की कमी भी बड़ा कारण

क्रू(गार्ड चालक)की कमी की वजह से मालगाड़ियों का संचालन प्रभावित होना आम बात है। देर तक ट्रेन चलाने से थके चालक गाड़ी खड़ी कर उतर जाते हैं। जिसकी वजह से भी रेल संचालन प्रभावित होना तय है। ऐसे ही हालात में बरेली के चालक ने सेक्शन में ट्रेन खड़ी कर दी थी। बाद में डीओएम के एक्शन को लेकर हंगामा हुआ था।

मंगलवार को विलंब से चली ट्रेनें समय से चलने वाली ट्रेनें

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ट्रेन विलंब घंटे में ट्रेन

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न्यूजलपाईगुड़ी एक्स. 6:30 घंटे राजधानी

शहीद एक्सप्रेस 7:00 घंटे अवध असम अप

अवध-असम 3:00 घंटे राज्यरानी

हिमगिरि एक्सप्रेस 1:00 घंटे दिल्ली-बरेली

कुंभ एक्सप्रेस 2:00 घंटे हावड़ा मेल

किसान एक्सप्रेस 1:00 घंटे सत्याग्रह

क्या कहते हैं यात्री

बिलासपुर से सुबह छह बजे मां के साथ अमृसर जाने क लिए निकली। आठ बजे स्टेशन आ गए। सात घंटे से अकालतख्त का इंतजार कर रही हूं। हर दो माह बाद अमृसर जाना होता है। यह ट्रेन कभी भी यहां समय से नहीं आती। अब रात में कब पहुचेगी, इसको लेकर मन डरा हुआ है।

सिमरन, अध्यापक निजी स्कूल

रामपुर से मुरादाबाद का सफर एक घंटे का है। हर दिन मुझे दो से तीन घंटे झेलना पड़ता है। मजबूरन बस से भी सफर करना पड़ता है। लगता है कि रेलवे को इस तरह की शिकायत की फुर्सत ही नहीं है।

पूजा, छात्रा एमबीए

काशीपुर का रहने वाला हूं। आला हजरत एक्सप्रेस से भुज जाना है। यह ट्रेन सात घंटे लेट है। यहां से ट्रेन चले तो 21 घंटे का सफर है। दो से तीन माह में इसी ट्रेन से गुजरात जाना होता है। यहां पर कभी भी ट्रेन समय से नहीं मिली।

शशि यादव, कर्मचारी

रेलवे की सेवा सस्ती है, मगर उसके बाद भी मुझे बस से सफर करना ठीक लगता है। गाजियाबाद से बस से मुरादाबाद आती हूं। रामनगर पैसेंजर से जाने की मजबूरी है। लेकिन यह ट्रेन कभी भी समय से नहीं चलती। कब कैंसिल हो जाएगी, इसकी गारंटी नहीं है।

मंजू, प्राइवेट जाब