रेल मंत्री पीयूष गोयल बोले -रेलवे में सवा लाख नौकरी के अवसर
किसी भी रेलकर्मी का पैसा स्टॉक मार्केट में नहीं लग रहा है। रेल कर्मी अपने पैसे को बचाने के लिए सरकारी बांड बनाकर सुरक्षित रख सकते हैं। इसके लिए रेलवे के 13 लाख कर्मचारी अगर लिखकर देंगे, तो उनका पैसा...
किसी भी रेलकर्मी का पैसा स्टॉक मार्केट में नहीं लग रहा है। रेल कर्मी अपने पैसे को बचाने के लिए सरकारी बांड बनाकर सुरक्षित रख सकते हैं। इसके लिए रेलवे के 13 लाख कर्मचारी अगर लिखकर देंगे, तो उनका पैसा सरकारी बांड में डालकर सुरक्षित रखा जाएगा। साथ ही कुछ हिस्सा भी बांड के रूप में सुरक्षित रख बाकी स्टॉक मार्केट में लगा सकते हैं। ये बातें शुक्रवार आल इंडिया मेंस फेडरेशन(एआईआरएफ) के 70वें वार्षिक अधिवेशन के दौरान रेल मंत्री पीयूष गोयल ने कहीं। अधिवेशन का आयोजन उत्तर रेलवे चारबाग मैदान में संपन्न हुआ।
अप्रेंटिस करने वालों की नौकरी देने का वादा नहीं
पीयूष गोयल ने कहा कि रेल कर्मी परिवार की तरह काम करें। उन्होंने कहा अप्रेंटिस करने वाले कुछ प्रशिक्षुओं को रेलवे में नौकरी मिल गई थी, जो समान अवसर को नहीं दर्शाती। इसके चलते उन्हें निकाला गया है। कोर्ट के आदेश के बाद ही ऐसा फैसला हुआ। अप्रेंटिस को लेकर दुष्प्रचार हो रहा है। अप्रेंटिस से नौकरी मिलेगी, यह पक्का नहीं है। हां, उनके पास मौका ज्यादा है। रेलवे में करीब 1.30 लाख नौकरी के अवसर है। इसमें कुछ प्रतिशत अप्रेंटिस वालों को दिया गया है। इसके लिए टेस्ट लिया जाएगा।
संकल्प बदलें, सुविधा लें
पीयूष गोयल ने अधिवेशन में यूनियन कर्मियों से यात्री हित में काम करने की सलाह दी और कहा कि रेल कर्मी अपने काम से इसे प्रॉफिट में बदल सकते हैं। इसके बाद उनकी मांगों को भी माना जाएगा। उन्होंने लार्जेस स्कीम और एनपीएस(न्यू पेंशन स्कीम) पर चर्चा करते हुए कहा कि इन मांगों को अभी नहीं माना जा सकता है।
मवैया मेट्रो स्टेशन का बदल सकता है नाम
70वें वार्षिक अधिकवेशन के दौरान विशिष्ट अतिथि के रूप में लखनऊ की मेयर संयुक्ता भाटिया मौजूद थीं। उन्होंने कहा कि रेलवे में काफी लंबे समय तक टीएन बाजपेई ने अपनी सेवा दी। इनके नाम पर मेट्रो मवैया स्टेशन का नाम का प्रस्ताव रेलवे यूनियन ने भेजा था। इसको आगे बढ़ा दिया है। जल्द ही मवैया मेट्रो स्टेशन टीएन बाजपेई स्टेशन के नाम से जाना जाएगा।
अधिवेशन के दौरान मंत्री का विरोध
लार्जेस और एनपीएस की मांगे न पूरी होने के बाद कॉमरेड शिव गोपाल मिश्रा ने अपनी लड़ाई जारी रखने की बात कही। उन्होंने कहा यूनियन के कर्मी अपनी लड़ाई जारी रखेंगे और आर-पार की लड़ाई लड़ेंगे। अधिवेशन में मांगे पूरी न होने को लेकर यूनियन कर्मियों का गुस्सा फूट पड़ा और उन्होंने हंगामा शुरू कर दिया। स्मृति ईरानी ने कहा, नेता के घर पैदा होने से कोई राजनेता नहीं बनता