एनईआर ने सिर्फ तकनीक बदल दो ट्रेनों के बराबर सीटें बढ़ा दी
पूर्वोत्तर रेलवे ने सिर्फ तकनीक बदलकर दो ट्रेनों के बराबर सीटें बढ़ा दी हैं। एचओजी इंजन की वजह से 56 ट्रेनों में एक-एक पॉवर कार कम हो...
![एनईआर ने सिर्फ तकनीक बदल दो ट्रेनों के बराबर सीटें बढ़ा दी एनईआर ने सिर्फ तकनीक बदल दो ट्रेनों के बराबर सीटें बढ़ा दी](https://images1.livehindustan.com/uploadimage/library/2020/10/29/16_9/16_9_1/default-image640x360.jpg)
गोरखपुर। आशीष श्रीवास्तव
पूर्वोत्तर रेलवे ने सिर्फ तकनीक बदलकर दो ट्रेनों के बराबर सीटें बढ़ा दी हैं। एचओजी इंजन की वजह से 56 ट्रेनों में एक-एक पॉवर कार कम हो गए। इन ट्रेनों के 71 रेक में पॉवर कार की जगह एसएलआर कोच लगाए गए जिसमें लगेज के साथ ही 31 यात्री सीटें हैं।
एचओजी इंजन लगने के पहले तक ट्रेनों की रेक में डीजल चालित दो पावरकार लगती थीं। अब ट्रेनों के इलेक्ट्रिक इंजन के हेड ऑन जेनरेशन सिस्टम (एचओजी) से कोचों में पावर की सप्लाई हो जा रही है। इससे पॉवर कार अलग से लगाने की जरूरत खत्म हो गई है। हालांकि वैकल्पिक इंतजाम के लिए एक पावर कार अभी लगाई जा रही है। दो दिन पहले ओखा एक्सप्रेस में भी एचओजी इंजन लगा दिया गया। इसके साथ ही एनईआर में एचओजी इंजन वाली 71 रेक हो गईं। इन सभी में एसएलआर कोच लगाए गए हैं जिससे सीटें तो बढ़ी हीं, चार टन पार्सल की अतिरिक्त जगह भी मिल रही है।
क्या है हेडऑन जेनरेशन
हेड ऑन जनरेशन प्रणाली से पूरी रेक में लाइटिंग, पंखे, एयरकंडीशनिंग एवं अन्य विद्युत आवश्यकताओं के लिए बिजली आपूर्ति, ट्रेन के इंजन से होती है। इसस सिस्टम की वजह से बिजली आपूर्ति के लिए डीजल चालित पॉवर कार (जेनरेटर) की उपयोगिता समाप्त हो जाती है। इससे बिजली की लागत में कमी, शोर और प्रदूषण तो कम होता ही है, कार्बन उत्सर्जन में भी कमी आती है ।
यात्रियों को भी सुकून
दरअसल, ट्रेनों में जब पॉवर कार लगाया जाता है तो उसका जेनरेटर हर समय ऑन रहता है। हैवी जेनरेटर की वजह से उससे काफी तेज आवाज आती है और इलेक्ट्रिक इंजन होने के बाद भी पॉवर कार से खूब धुंआ उठता है। इससे आसपास के कोच के यात्रियों को दिक्कत होती है। पॉवर कार के हट जाने से यात्रियों को भी सुकून है।
लगभग सभी एलएचबी ट्रेनों में एचओजी इंजन लगाए गए हैं। इस तकनीक से कोच में सीधे इंजन से बिजली सप्लाई जाती है। ऐसे में एक पॉवर हटा दिया जाता है। 56 ट्रेनों से पॉवर हट जाने से एलएसएलआरडी कोच लगाए गए हैं, जिसमें यात्रियों के लिए अतिरिक्त सीट एवं लगेज स्पेस मिला है।
पंकज कुमार सिंह, सीपीआरओ
![](https://www.livehindustan.com/static-content/1y/lh/img/lh-epaper-str-banner-mob.jpg)