सफर के झटके पहचानेगी डिवाइस, रुकेंगे हादसे
यात्रियों को सुरक्षित और आरामदायक यात्रा कराने के लिए आरडीएसओ ने एक ऐसा उपकरण को इजात किया है जो यह बताएगा कि बोगियों और पहियों में कहां और कितना झटका लग रहा है। यह जानकारी मिलने के बाद झटकों के...
यात्रियों को सुरक्षित और आरामदायक यात्रा कराने के लिए आरडीएसओ ने एक ऐसा उपकरण को इजात किया है जो यह बताएगा कि बोगियों और पहियों में कहां और कितना झटका लग रहा है। यह जानकारी मिलने के बाद झटकों के कारणों का पता कर उसे खत्म किया जाएगा।
दरअसल, रिसर्च ऑफ डिजाइन एण्ड स्टैंडर्ड आर्गनाइजेशन (लखनऊ) ने एक ऐसी डिवाइस तैयार की है ट्रेन संचलन के दौरान लगने वाले झटको को पहचान सकेगी। झटकों को पहचानने के साथ ही डिवाइस उस प्वाइंट जहां झटका लग रहा है का पूरा डाटा सेव कर लेगा। इसके बाद उस डिवाइस में दर्ज हुए डाटा का अध्ययन कर यह जाना जा सकेगा कि झटका किस प्वाइंटर पर कितना लग रहा है।
आरडीएसओ इस डिवाइस को इन्स्टूमेंटेड मेजरिंग व्हील नाम दिया है और इस पर ट्रायल भी कर चुका है। सफल ट्रायल के बाद आरडीओएस इसे लेकर काफी उत्साहित है। उम्मीद जताई जा रही है कि जल्द ही इस उपकरण में बोगियों के पहिए में लगाए जाने का काम शुरू हो जाएगा।
रेल पहियों में लगाई जाएगी डिवाइस
आरडीएसओ द्वारा इजात की गईर् डिवाइस बोगियों के पहियों में लगाई जाएगी। डिवाइस अल्ट्रासोनिक वेब पर आधारित होगा। ट्रैक से पहियों और बोगियों में लगने वाले झटकों को आसानी से रीड कर सकेगा।
सुरक्षित यात्रा के साथ ही आरामदायक भी
इस डिवाइस से दो फायदे होंगे। एक झटकों के चलते होने वाली दुर्घटनाएं और दूसरा जटकों के चलते यात्रियों को होने वाली असुविधा। दोनों से काफी हद तक निजात मिल जाएगी।
झटकों के चलते अक्सर बेपटरी हो जाती हैं ट्रेनें
झटकों के चलते कई बार ऐसा सामने आया कि ट्रेनों की कुछ बोगियां बेपटरी हो गईं। इससे कई बार यात्री घायल भी हो चुके हैं। इसके साथ ही उस लाइन का पूरा आवागमन भी ठप हो जाता है।
इन्स्टूमेंटेड मेजरिंग व्हील से झटकों की सटीक जानकारी मिल सकेगी। इस पर काम चल रहा है। उम्मीद है अच्छे परिणाम आएंगे।
एनके सिन्हा, ईडी प्रशासन, आरडीएसओ