राउरकेला स्टेशन में खाना बेचने को लेकर अवैध वेंडरों ने की जमकर मारपीट
चक्रधरपुर रेल मंडल के राउरकेला रेलवे स्टेशन में खाना बेचने को लेकर अवैध वेंडरों ने जमकर मारपीट की। वेंडर के दो गुट बुधवार की शाम साढ़े पांच बजे आपस...
चक्रधरपुर रेल मंडल के राउरकेला रेलवे स्टेशन में खाना बेचने को लेकर अवैध वेंडरों ने जमकर मारपीट की। वेंडर के दो गुट बुधवार की शाम साढ़े पांच बजे आपस में भीड़ गये। घटना राउरकेला रेलवे स्टेशन के प्लेटफॉर्म संख्या 3 और 4 की है।
बताया जाता है कि राउरकेला प्लेटफॉर्म संख्या एक में स्थित एक कैंटीन के कुछ कर्मचारी प्लेटफॉर्म संख्या 3 और 4 में जाकर पैकेट बंद खाना बेचकर वेंडिंग कर रहे थे। इसी दौरान वहां अवैध वेंडिंग करने वाला एक गुट भी यात्रियों को हमेशा की तरह खाना बेच रहा था। यात्रियों को खाना बेचने को लेकर दोनों गुट भीड़ गए और प्लेटफ़ॉर्म संख्या 3 और 4 में वेंडिंग के वर्चस्व को लेकर दोनों गुट में जमकर मारपीट हो गयी। इस घटना में दोनों गुट के युवकों को चोट लगी है, दो युवक का सिर भी फूटा है। घटना की सूचना पाकर मौके पर आरपीएफ पहुंची और सभी युवकों को स्टेशन से बाहर कर दिया और मामले को रफा-दफा कर दिया। राउरकेला रेलवे स्टेशन में खाना बेचने को लेकर वैध और अवैध वेंडरों में मारपीट लड़ाई का यह कोई नया मामला नहीं है। पिछले साल भी इसी तरह की घटना घटी थी। उस समय भी आरपीएफ ने मामले को रफा-दफा कर दिया था। दरअसल यात्रियों को खाना बेचने के लिए इस स्टेशन में अवैध वेंडर सक्रिय रहते हैं। आरपीएफ भी सारी जानकारी होने के बावजूद इन पर कोई कार्रवाई नहीं करती है। लोगों का आरोप है की आरपीएफ खुद निजी स्वार्थ में अवैध वेंडरों को संरक्षण देकर स्टेशन में अवैध वेंडिंग करवाते हैं। इस तरह की घटना लगातार होने से वैध-अवैध वेंडरों में अब वर्चस्व की लड़ाई राउरकेला स्टेशन में शुरू हो रही है। वहीं राउरकेला आरपीएफ प्रभारी मामले पर सिर्फ पर्दा डालने का काम कर रहे हैं। राउरकेला में इन दिनों अवैध वेंडिंग, हॉकरिंग, चोरी, मारपीट, ड्रग्स तस्करी आदि घटनाएं बढ़ी हैं। अपराध पर नियंत्रण नहीं रख पाने के बावजूद राउरकेला आरपीएफ थाना प्रभारी का नहीं बदला जाना भी विभाग के मंशा पर सवाल खड़े करता है। सबसे बड़ी बात यह भी है की जिसे राउरकेला आरपीएफ का थाना प्रभारी बनाया गया है वह उस पद के योग्य भी नहीं हैं।