गुजरात में 4.3 तीव्रता का भूकंप, बार-बार आ रहे झटके किसी बड़ी आपदा के संकेत तो नहीं?
Earthquake in Rajkot Gujarat: गुजरात में भूकंप के तगड़े झटके लगे हैं। राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र की ओर से साझा की गई जानकारी के मुताबिक, भूकंप की तीव्रता रिक्टर पैमाने पर 4.3 मापी गई।
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गुजरात में भूकंप के तगड़े झटके लगे हैं। राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र की ओर से साझा की गई जानकारी के मुताबिक, भूकंप की तीव्रता रिक्टर पैमाने पर 4.3 मापी गई। भूकंप का केंद्र गुजरात के राजकोट से 270 किमी उत्तर-उत्तर पश्चिम में बताया जा रहा है। यह भूकंप दोपहर 3:21 बजे आया। गौर करने वाली बात यह कि गुजरात में हाल के दिनों में भूकंप के कई हल्के झटके महसूस किए गए हैं। कहीं भूकंप के ये हल्के झटके किसी बड़ी आपदा के संकेत तो नहीं हैं। इस बात को लेकर आम लोगों में दहशत बनने लगी है।
समाचार एजेंसी पीटीआई भाषा की रिपोर्ट के मुताबिक, गुजरात के अमरेली जिले में दो वर्ष के दौरान एक के बाद एक भूकंप के झटकों की झड़ी लग गई और यहां करीब 400 बार हल्के झटके दर्ज किये गये हैं। भूकंप विज्ञानी इस स्थिति को 'भूकंप स्वार्म' कहते हैं। 'स्वार्म' अधिकतर छोटे स्तर के भूकंपों का क्रम होता है जो अक्सर कम समय के लिए आते हैं, लेकिन ये कई दिनों तक जारी रह सकते हैं।
बताया जाता है कि भूकंप के ये झटके अमरेली के मिटियाला गांव में भी महसूस किए गए हैं। भूकंप के झटकों को लेकर दहशत का आलम यह है कि अमरेली के मिटियाला गांव के लोगों ने एहतियात के रूप में अपने घरों के बाहर सोना शुरू कर दिया है। ताकि वे किसी बड़े भूकंप से होने वाली अनहोनी से बच सकें। मिटियाला निवासी मोहम्मद राठौड़ ने बताया कि झटके की आशंका के चलते सरपंच समेत गांव के ज्यादातर लोग रात में अपने घरों के बाहर सोने लगे हैं।
गांधीनगर स्थित भूकंपीय शोध संस्थान (आईएसआर) के महानिदेशक सुमेर चोपड़ा ने सौराष्ट्र क्षेत्र में स्थित अमरेली जिले में 'भूकंप स्वार्म' की वजहों को स्पष्ट किया। उनका कहना है कि मौसमी भूकंपीय गतिविधियों की वजह 'टेक्टॉनिक क्रम' और जलीय भार है। इस महीने 23 फरवरी से 48 घंटों के अंदर अमरेली के सावरकुंडला और खंबा तालुका में 3.1 से 3.4 की तीव्रता के चार झटके दर्ज किए गए, जिसके कारण यहां के निवासी चिंतित हैं।
गौर करने वाली बात यह भी कि तुर्किये और सीरिया में हाल ही में भूकंप के तगड़े झटकों ने पूरी दुनिया को हैरान कर दिया है। इस भूकंप में 45,000 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। इस विनाशकारी भूकंप के बाद अमरेली में लगातार भूकंपीय गतिविधियां देखी जा रही हैं। सनद रहे गुजरात के कच्छ जिले में जनवरी, 2001 में शक्तिशाली भूकंप के कारण 19,800 लोगों की मौत हो गई थी, जबकि 1.67 लाख लोग घायल हुए थे।
गांधीनगर स्थित भूकंपीय शोध संस्थान (आईएसआर) के महानिदेशक सुमेर चोपड़ा ने कहा कि पिछले दो साल और दो महीनों के दौरान हमने अमरेली में 400 हल्के झटके दर्ज किए हैं। इनमें से 86 फीसदी झटकों की तीव्रता दो से कम थी, जबकि 13 फीसदी झटकों की तीव्रता दो से तीन के बीच थी। केवल पांच झटकों की तीव्रता तीन से अधिक थी। उन्होंने कहा कि ज्यादातर झटकों को लोग महसूस नहीं कर पाए, इसका पता केवल रिक्टर स्केल के जरिए ही हुआ।
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