सरकार की मंशा समय पर वेतन देने की नहीं: महासंघ
Government does not intend to pay salaries on time: Federation बिहार राज्य विश्वविद्यालय शिक्षक महासंघ (फुटाब) ने उच्च शिक्षा निदेशक के पत्र द्वारा...
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बिहार राज्य विश्वविद्यालय शिक्षक महासंघ (फुटाब) ने उच्च शिक्षा निदेशक के पत्र द्वारा विवि के शिक्षकों और कर्मचारियों का वेतन शिक्षा विभाग की ओर से सीधे उनके खातों में भेजे जाने के सरकार के निर्णय पर प्रतिक्रिया दी है। इस बाबत कहा है कि वगैर व्यापक विचार विमर्श के अचानक एक नई व्यवस्था लागू करना सरकार की मंशा पर सवालिया निशान लगाता है। सरकार की मंशा समय पर वेतन देने की नहीं है।
फुटाब के कार्यकारी अध्यक्ष सह कन्हैया बहादुर सिन्हा एवं महासचिव सह विधान पार्षद संजय कुमार सिंह ने आरोप लगाया कि सरकार का यह एक नया शगूफा है जिसकी आड़ में शिक्षा विभाग पटना उच्च न्यायालय के 17 मई के उस आदेश से ध्यान भटकाना चाहती है जिसके द्वारा सरकार को निर्देश दिया गया है कि 10 दिनों अर्थात 27 मई तक वर्ष 2023-24 के स्वीकृत बजट के बकाया अनुदान को विमुक्त कर दें अन्यथा एसीएस सहित शिक्षा विभाग के अधिकारियों के वेतन पर रोक रहेगी।
बकाया अनुदान रोकने से कई विश्वविद्यालयों में जनवरी-फरवरी से वेतन पेंशन का भुगतान नहीं हुआ है। सरकार ने इस संबंध में चुप्पी साध रखी है। इससे लगता है कि विभाग अभी भी प्रताड़ना की भावना से बाहर नहीं निकली है। शिक्षा विभाग से सीधे भुगतान की व्यवस्था अधिनियम की धारा 46 का उल्लघंन है। प्रावधान के अनुसार राज्य सरकार प्रतिवर्ष विवि के सीनेट, सिंडिकेट से स्वीकृत बजट अनुसार राज्य की संचित निधि से अनुदान विमुक्त करेगी तथा उसका अंकेक्षण नियमित रूप से करा सकेगी।
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