ट्रेंडिंग न्यूज़

अगला लेख

अगली खबर पढ़ने के लिए यहाँ टैप करें

Hindi News उत्तर प्रदेश प्रयागराजफरार शाइस्ता का मतदाता सूची में नाम, अतीक-अशरफ का वजूद मिटा

फरार शाइस्ता का मतदाता सूची में नाम, अतीक-अशरफ का वजूद मिटा

उमेश पाल हत्याकांड में फरार 50 हजार इनामी शाइस्ता परवीन की मतदान सूची में फोटो देखकर लोग हैरान...

उमेश पाल हत्याकांड में फरार 50 हजार इनामी शाइस्ता परवीन की मतदान सूची में फोटो देखकर लोग हैरान...
1/ 3उमेश पाल हत्याकांड में फरार 50 हजार इनामी शाइस्ता परवीन की मतदान सूची में फोटो देखकर लोग हैरान...
उमेश पाल हत्याकांड में फरार 50 हजार इनामी शाइस्ता परवीन की मतदान सूची में फोटो देखकर लोग हैरान...
2/ 3उमेश पाल हत्याकांड में फरार 50 हजार इनामी शाइस्ता परवीन की मतदान सूची में फोटो देखकर लोग हैरान...
उमेश पाल हत्याकांड में फरार 50 हजार इनामी शाइस्ता परवीन की मतदान सूची में फोटो देखकर लोग हैरान...
3/ 3उमेश पाल हत्याकांड में फरार 50 हजार इनामी शाइस्ता परवीन की मतदान सूची में फोटो देखकर लोग हैरान...
हिन्दुस्तान टीम,प्रयागराजSun, 26 May 2024 10:45 AM
ऐप पर पढ़ें

प्रयागराज। उमेश पाल हत्याकांड में फरार 50 हजार इनामी शाइस्ता परवीन की मतदान सूची में फोटो देखकर लोग हैरान थे। दशकों बाद पहली बार ऐसा हुआ कि चुनाव में अतीक के परिवार से उसके परिजनों ने दूरी बनाई है। अतीक और अशरफ की मौत के बाद उनका मतदाता सूची से नाम गायब था। लेकिन, शाइस्ता परवीन का नाम दर्ज था। हालांकि फरार शाइस्ता का पता नहीं चला है।
15 अप्रैल 2023 को कॉल्विन अस्पताल में मारे गए अतीक और अशरफ का राजनीति से पुराना रिश्ता था। अतीक अहमद ने पांच बार विधायक और एक बार सांसद चुना गया। वहीं, अशरफ भी एक बार विधानसभा का चुनाव जीतकर विधायक बना था। पिछले चुनावों में भले ही अतीक को शिकस्त मिली थी। लेकिन वह जेल से ही चुनाव लड़ा था। उमेश पाल हत्याकांड से पूर्व उसकी पत्नी शाइस्ता भी मेयर के चुनाव की प्रमुख दावेदार थी।

वह चुनाव की तैयारी में लगी थी लेकिन उमेश पाल हत्याकांड के बाद कहानी बदल गई। अतीक और अशरफ की मौत हो चुकी है और उनकी पत्नियां उमेश पाल हत्याकांड में फरार है। अतीक के दो बेटे उमर और अली पहले से जेल में बंद हैं। शनिवार को मतदाता सूची में अपना नाम ढूंढने वालों की नजर जब शाइस्ता परवीन पर पड़ी तो हैरानी हुई कि फरार शाइस्ता का नाम है।

दरअसल अतीक के पड़ोसी इमरान के ध्वस्त मकान परिसर के अंदर ही बीएलओ और पार्टी के जुड़े लोग मतदाताओं के नाम ढूंढ रहे थे। उनको चकिया स्थित श्यामलाल इंटर कॉलेज में मतदान करना था। वहीं, शाइस्ता को लेकर पुलिस भी बेफ्रिक थी कि जो महिला अपने पति की मौत पर नहीं आई, वह वोट देने क्यों आएगी। हालांकि पुलिस गश्त पर थी। अतीक के पुश्तैनी जमींदोज घर के अंदर बच्चे खेलते नजर आए। कोई संदिग्ध उधर नहीं दिखा।

यह हिन्दुस्तान अखबार की ऑटेमेटेड न्यूज फीड है, इसे लाइव हिन्दुस्तान की टीम ने संपादित नहीं किया है।