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दिव्य धाम में राम: संत मोरारी बापू के श्रीमुख से आस्था का शिखर स्पर्श करेगा

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हिन्दुस्तान टीम,फैजाबादFri, 16 Feb 2024 06:35 PM
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दिव्य धाम में राम: संत मोरारी बापू के श्रीमुख से आस्था का शिखर स्पर्श करेगा प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव

रामकथा आयोजन

तीर्थ क्षेत्र पुरम में 15 हजार वर्ग फिट क्षेत्रफल में जर्मन हैंगर का पंडाल हो रहा निर्मित

तीर्थ क्षेत्र महासचिव चंपतराय ने बताया 24 फरवरी से तीन मार्च तक चलेगी कथा, पहले दिन सायं व शेष दिन पूर्वाह्न 10 बजे से होगी कथा

फ्लैग: रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा के बाद एक फरवरी से शुरू पुजारियों की 15-15 दिन की रोटेशन व्यवस्था में पहली बार बदल गयी पाली

अयोध्या। संवाददाता

रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा को लेकर 22 जनवरी से शुरू हुए महोत्सव को शिखर का स्पर्श देने के लिए श्रीरामजन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र की ओर से अन्तर्राष्ट्रीय ख्याति लब्ध संत मोरारी बापू को आमंत्रित किया गया है। संत मोरारी बापू रामलला को रामकथा की स्नेहिल वर्षा से अभिसिंचित करेंगे । उनकी ओर से रामकथा का आयोजन पहले श्रीरामजन्म भूमि परिसर में ही कराने की योजना थी। फिलहाल अब यह कथा तीर्थ क्षेत्र पुरम में कराने का निर्णय लिया गया है।

तीर्थ क्षेत्र पुरम मणि पर्वत के निकट बाग बिजैसी में स्थित 25 एकड़ से अधिक विस्तृत क्षेत्र में फैला है। यहीं टेंट सिटी बसाई गयी थी। इस टेंट सिटी में रामलला का दर्शन कराने के लिए विहिप व संघ परिवार की योजना से देश भर से आमन्त्रित संगठन के पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं के आवास और भोजन की व्यवस्था की गयी है। इस योजना में 21 फरवरी को दक्षिण भारत के तमिलनाडु से चार हजार कार्यकर्ताओं की अंतिम खेप लाई जाएगी । इसके बाद इसी स्थान पर 24 फरवरी से संत मोरारी बापू रामकथा का गान करेंगे। यह रामकथा तीन मार्च तक चलेगी। श्रीरामजन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र महासचिव चंपतराय ने बताया कि पहले दिन रामकथा का अनावरण सायंकाल चार बजे होगा। इसके उपरांत 25 फरवरी से प्रतिदिन रामकथा पूर्वाह्न दस बजे से अपराह्न एक बजे तक चलेगी। इस रामकथा के लिए 15 हजार वर्ग फिट में जर्मन हैंगर का पंडाल लगाया जा रहा है।

15-15 रोस्टर के अनुसार पुजारियों की ड्यूटी तय:

श्रीरामजन्म भूमि में रामलला की पूजा -अर्चना के लिए तीर्थ क्षेत्र की ओर से 15-15 दिन का रोस्टर बीते एक फरवरी से तय किया गया था। इस रोस्टर के मुताबिक पहली बार पुजारियों की ड्यूटियां बदल गयी है। रामलला की पूजा-अर्चना के लिए छह दिसंबर 92 से ही एक मुख्य पुजारी आचार्य सत्येन्द्र दास शास्त्री के अलावा चार सहायक पुजारियों की तैनाती की गयी थी। यह व्यवस्था राम मंदिर में भी लागू हैं। इस व्यवस्था में चार सहायकों में दो-दो पुजारी एक साथ शामिल होते हैं। एक फरवरी के रोस्टर में सुबह से लेकर मध्याह्न तक पुजारी अशोक कुमार उपाध्याय व प्रदीप दास शामिल थे जबकि सायं पाली में संतोष कुमार तिवारी व प्रेमकुमार तिवारी थे। रोस्टर के अनुसार सुबह की पाली में अब संतोष कुमार तिवारी व प्रेमकुमार तिवारी और सायं पाली में अशोक कुमार उपाध्याय व प्रदीप दास की ड्यूटी बदल गयी है

यूनियन बैंक ने तीर्थ क्षेत्र को सौंपा पांच बैटरी चालित गोल्फ कार्ट:

यूनियन बैंक ऑफ इंडिया ने श्रीराम जन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र को दिव्यांगो व वृद्धों के सहायतार्थ पांच बैटरी चालित गोल्फ कार्ट सौंपा है। कारसेवकपुरम में बैंक के अंचल प्रमुख सुमित श्रीवास्तव ने तीर्थ क्षेत्र महासचिव चंपतराय को पांचों कार्ट की चाभियां सुपुर्द की। इस अवसर पर यूनियन बैंक के क्षेत्र प्रमुख हिमांशु मिश्रा ,विहिप केन्द्रीय मंत्री गोपाल राव, उप क्षेत्र प्रमुख रत्नेश सिंह, अमित कुमार, संतोष बली पांडेय व जटाशंकर एवं विहिप के मीडिया प्रभारी शरद शर्मा सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।

तदर्थ शिक्षकों ने रामलला को दी अर्जी, मांगी सेवा बहाली

श्रीरामजन्म भूमि में माथ टेका और सीएम के नाम प्रभु रामलला सरकार को सौंपा ज्ञापन

साकेत महाविद्यालय परिसर में सभा की फिर जुलूस निकालकर राममंदिर में किया रामलला का दर्शन

फोटो 3 साकेत महाविद्यालय से जुलूस निकालकर रामलला के दर्शन को जाता तदर्थ शिक्षकों का हुजूम

अयोध्या संवाददाता। नौ नवम्बर 2023 को सेवा से बाहर किए गए अशासकीय सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों में कार्यरत रहे करीब डेढ़ हजार तदर्थ शिक्षकों ने शुक्रवार को रामलला का दर्शन किया और प्रभु श्रीराम लला सरकार को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन समर्पित किया। तदर्थ शिक्षकों ने भगवान की चरणों में अपनी अर्जी लगाते हुए अपनी सेवा बहाली की मिन्नतें कीं।

रामलला के दरबार में प्रार्थना पत्र देते हुए सेवा से बाहर हुए तदर्थ शिक्षकों ने कहा कि वे अपने जीवनकाल के बहुमूल्य 20 से 25 वर्षों की सेवाएं विषम परिस्थितियों में प्रदेश के अशासकीय सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों में में दे चुके हैं। वर्तमान में उम्र के आखिरी पड़ाव पर दुर्भाग्यवश नौ नवम्बर 2023 को जारी शासनादेश को वर्ष 1993 से लेकर आज तक राजकोष से वेतन प्राप्त कर रहे तदर्थ शिक्षकों की सेवाएं समाप्त कर दी गईं। सेवा से बाहर किए गए पूर्वांचल के 19 जिलों के तदर्थ शिक्षकों की संख्या लगभग दो हजार है। अब शिक्षक और उनका परिवार भुखमरी की कगार पर पहुंच गया है। इसलिए सरकार छात्र हित, विद्यालय हित और समाज हित को देखते हुए उनकी सेवाएं बहाल कराएं।

इसके पहले सैकड़ों शिक्षक शुक्रवार को साकेत महाविद्यालय परिसर में एकत्र हुए। यहां पहले सभा हुई उसके बाद सभी शिक्षक जुलूस लेकर श्रीराम जन्मभूमि में विराजमान रामलला की चौखट पर पहुंचे। जहां इनकी यह भी मांग थी कि राजकोष से वेतन प्राप्त कर रहे तदर्थ शिक्षकों को माध्यमिक शिक्षा अधिनियम की धारा 33 (छ) की उपधारा 8 का विलोपन करते हुए 33 (ज) जोड़कर अद्यतन कार्यरत तदर्थ शिक्षकों का विनियमितीकरण के लिए अध्यादेश पारित करते हुए इसका समाधान करना औचित्यपूर्ण होगा। तदर्थ शिक्षकों का नेतृत्व अनिल सिंह राना ने किया। इस दौरान करीब 19 जनपदों के तदर्थ शिक्षकों में प्रभात कुमार त्रिपाठी, सुशील कुमार सिंह, बृजेश कुमार द्विवेदी, दीपक मिश्र, रमेश कमार, राज कुमार पाण्डेय, कुलदीप सिंह सहित डेढ़ हजार से अधिक शिक्षक शामिल रहे।

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