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Hindi News देशअब अफ्रीकी देशों में भी गरजेगी ब्रह्मोस? भारत बढ़ा रहा सैन्य दमखम, किन-किन देशों पर है नजर?

अब अफ्रीकी देशों में भी गरजेगी ब्रह्मोस? भारत बढ़ा रहा सैन्य दमखम, किन-किन देशों पर है नजर?

India Defence Market: जिन भारतीय हथियारों की मांग अफ्रीकी देशों में सबसे ज्यादा है उनमें ब्रह्मोस मिसाइल और आकाश मिसाइल शामिल हैं। इनके अलावा बख्तरबंद वाहन, पिनाका रॉकेट एंड लॉन्चर शामिल हैं।

अब अफ्रीकी देशों में भी गरजेगी ब्रह्मोस? भारत बढ़ा रहा सैन्य दमखम, किन-किन देशों पर है नजर?
Pramod Kumarलाइव हिन्दुस्तान,नई दिल्लीWed, 22 May 2024 07:12 PM
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भारत अपने रक्षा बाजार के विस्तार की योजना पर लगातार काम कर रहा है। फिलीपीन्स को सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल ब्रह्मोस की सप्लाई करने के बाद अब उसकी नजर कुछ यूरोपीय और अफ्रीकी देशों पर है। दरअसल, भारत ने 2025 तक पांच अरब डॉलर के रक्षा उत्पाद का विदेशों में निर्यात का लक्ष्य रखा है। इसे पाने के लिए अफ्रीकी देशों के हथियार बाजार पर तेजी से अपनी पहुंच बना रहा है। 

इसी कोशिश में भारत ने अप्रैल में इथियोपिया, मोज़ाम्बिक और आइवरी कोस्ट में अपने रक्षा विषेषज्ञ नियुक्त किए हैं। जल्द ही अल्जीरिया और जिबूती में भी इस तरह की तैनाती किए जाने की संभावना है। इस बीच,  नाइजीरिया सहित कई अफ़्रीकी देशों ने सरकारी विमानन कंपनी हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) से भारत के घरेलू हल्के लड़ाकू विमान (LCA) तेजस और स्वदेशी हेलीकॉप्टर हासिल करने में रुचि दिखाई है।

स्पूतनिक इंडिया को नाइजीरिया स्थित सामरिक और सैन्य मामलों के शोधकर्ताओं ने  बताया कि अफ़्रीकी देशों को सैन्य साजो-सामान और उपकरण की सप्लाई करने से अफ्रीका महाद्वीप के रक्षा बाजार में भारत एक प्रमुख भागीदार बन जाएगा क्योंकि इस बाजार में भारतीय हथियारों की बड़ी मांग है। जिन भारतीय हथियारों की मांग अफ्रीकी देशों में सबसे ज्यादा है उनमें ब्रह्मोस मिसाइल और आकाश मिसाइल शामिल हैं।

इनके अलावा बख्तरबंद वाहन, पिनाका रॉकेट एंड लॉन्चर और 55 मिमी एडवांस्ड टोड आर्टिलरी गन्स (ATAG) की मांग अफ्रीकी देशों द्वारा की जा रही है। भारत ने भी अफ्रीकी महादेश में अपने रक्षा उत्पादों की बढ़ती मांग को देखते हुए एक लंबी उत्पाद श्रृंखला की पेशकश की है। भारत ऐसा कर अपने उत्पादों में विविधता और मांग के मुताबिक आपूर्ति की उपलब्धता भी बनाए रखना चाहता है।

भारतीय हथियारों की तेजी से बढ़ती मांग पर अफ्रीकी सैन्य मामलों के प्रमुख प्रकाशन मिलिट्री अफ्रीका के निदेशक एकेन लियोनेल ने कहा कि अगर भारत उग्रवाद और आंतकवाद विरोधी अभियानों के संचलन में आवश्यक हथियारों की आपूर्ति अफ्रीकी देशों को करता है तो भारत जल्द ही महाद्वीप में रक्षा निर्यात का एक पावर सेंटर बन सकता है। उन्होंने कहा कि इसके पीछे सबसे बड़ी वजह भारतीय रक्षा उत्पादों का किफायती होना है। हालांकि, उनकी निजी राय है कि भारत को अफ्रीकी देशों में हथियारों की बिक्री बढ़ाने की बजाय संकट ग्रस्त देशों को राजनयिक सहायता उपलब्ध करानी चाहिए और उन देशों में राजनयिक गतिविधियों को बढ़ाना चाहिए।