ट्रेनों पर यात्रियों को नहीं दी जाएगी दाग-धब्बे वाली बेडशीट
धनबाद। ट्रेनों पर यात्रा करने वालों को अक्सर यह शिकायत रहती है कि उन्हें पैकेट बंद जो लिनेन दिया जाता है उसमें बेडशीट, तकिए का कवर और तौलिया गंदा...
धनबाद। ट्रेनों पर यात्रा करने वालों को अक्सर यह शिकायत रहती है कि उन्हें पैकेट बंद जो लिनेन दिया जाता है उसमें बेडशीट, तकिए का कवर और तौलिया गंदा दिया जाता है। कई बार तो बेडशीट, पिलो कवर और तौलियों पर दाग और धब्बे तक लगे रहते हैं। आने वाले दिन में आपको दाग-धब्बों वाला लिनेन नहीं दिया जाएगा। रेलवे ने इसके लिए विशेष मशीन की स्थापना कोचिंग डिपो में की है।
रेल मदद और रेलवे के एक्स प्लेटफार्म पर गंदे लिनेन की शिकायतें आम हैं। लगातार यात्री इसकी शिकायत करते हैं। इन शिकायतों से निपटने के लिए रेलवे ने विशेष मशीन का इजाद किया है। शनिवार को धनबाद कोचिंग डिपो में रेलवे के टेक्निशियन ने पत्रकारों के समक्ष इस मशीन का डेमो दिया। स्टीम और कैमिकल हाइपो व जैलिक एसिड के प्रयोग से एक से डेढ़ मिनट के अंदर बेडशीट पर लगे दाग को छुड़ाकर दिखाया गया। साथ ही तकनीशियन ने ट्रेनों के एसी बोगी के आखिरी में लगे पुश और पुल वाले दरवाजों में हिंज की जगह बोल्ट लगाकर इसके खराब होने की आशंका को कई गुना कम करने का भी दावा किया। बताया कि नई तकनीक से रेलवे को हर दरवाजे में 12 सौ रुपए की बचत भी हो रही है।
ट्रेनों के बायो टॉयलेट नहीं रहेंगे जाम: टेक्निशियन ने इस मौके पर ट्रेन के कोचों के जाम टॉयलेट की सफाई का भी डेमो दिया। उन्होंने विनेगर और बेकिंग सोडा के मिश्रण से पारंपरिक पैन के जाम को ठीक करके दिखाया। बताया गया कि ट्रेनों में सबसे अधिक टॉयलेट की गंदगी के संबंध में शिकायतें मिलती हैं। विनेगर और बेकिंग सोडा से सफाई होने के बाद टॉयलेट में जाम की समस्या दूर हो जाती है। धनबाद के वाशिंग पीट में टॉयलेट को इसी से सफाई की जा रही है।