स्वास्थ्य केंद्रों में रोटा वायरस व पोलियो की दवा नहीं उपलब्ध
पूर्णिया, हिन्दुस्तान संवाददाता। पूर्णिया, हिन्दुस्तान संवाददाता। जिले के कई प्रखंड अस्पतालों में नियमित टीकाकरण में शामिल रोटा वायरस और पोलियो...
पूर्णिया, हिन्दुस्तान संवाददाता।
जिले के कई प्रखंड अस्पतालों में नियमित टीकाकरण में शामिल रोटा वायरस और पोलियो की महत्वपूर्ण दवा नहीं हैं। चिकित्सक की मानें तो रोटा वायरस डायरिया में काम आने वाला वैक्सीन है। यह दवा छोटे बच्चों को डायरिया से बचाता है। ऐसे समय में यह वैक्सीन नहीं होना बच्चों के लिए परेशानी का सबब है। विदित हो कि पूरे जिले में शून्य से दो वर्ष तक के बच्चों को 12 प्रकार के जानलेवा बीमारी से बचाता है। ऐसे में डेढ़ माह, ढाई माह और साढ़े तीन माह के बच्चों को रोटा वायरस का टीका पड़ता है। यह टीका कम होने के कारण जिला मुख्यालय पर तो उपलब्ध है पर कई प्रखंड में उपलब्ध नहीं है। कई जगहों पर पोलियो की दवा भी उपलब्ध नहीं है। बता दें कि शून्य से लेकर दो वर्ष तक के बच्चों को नियमित टीकाकरण के जरिए स्वास्थ्य लाभ देने के लिए स्वास्थ्य विभाग की ओर से लगातार कवायद की जाती है। इसके लिए जिले के अधिकांश जगहों में कहीं टीकाकरण कार्नर की व्यवस्था सुनिश्चित कर दी गई है तो कहीं गांव के स्वास्थ्य सेंटरों में भी सप्ताह में एक या दो दिन बच्चों को टीकाकरण किए जाने की योजना के जरिए अभियान को आगे बढ़ाया जा रहा है। ऐसे में जिले के अंदर जिला मुख्यालय पर टीकाकरण केन्द्र नियमित रूप से चलता है। मेडिकल कॉलेज अस्पताल के टीकाकरण केन्द्र में अभी सभी टीके और दवा उपलब्ध हैं।
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...सप्ताह में दो दिन टीकाकरण :
हरदा। के नगर प्रखंड के हेल्थ एण्ड वेलनेस सेंटर सतकोदरिया पर टीकाकरण करने के दौरान डयूटी पर तैनात एएनएम ने बतायी कि रोटा वायरस का टीका एक दिन पूर्व तक उपलब्ध था। शुक्रवार को रोटा वायरस का टीका समाप्त होने के कारण उपलब्ध नहीं है। इसे छोड़कर बच्चों का शेष सभी टीका उपलब्ध है। एएनएम ने बताया कि इन सेंटरों पर सप्ताह में दो दिन टीकाकरण होता है। इनमें बुधवार व शुक्रवार को टीकाकरण सत्र स्थल पर टीकाकरण की जाती है। शुक्रवार को एसडब्लूसी पर हेपेटाईटिस बी, ओपीभी , बीसीजी का टीकाकरण की जाती है।
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...बोले अधिकारी :
जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ विनय मोहन ने बताया कि जिले के अंदर अभी रोटा वायरस और पोलियो की पड़ने वाली दवा कम है। ऐसे में जिले के कई प्रखंड में दवा उपलब्ध नहीं होने के कारण दवा आपूर्ति के लिए इंडेन किया गया है।