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70 साल पुराना अंग्रेजों का वेस्ट केबिन जमींदोज

एनआई की शुरुआत 70 पुराना अंग्रेजों द्वारा निर्मित वेस्ट केबिन से हुआ है। डीआरएम तनु चंद्रा की अगुवाई में वेस्ट केबिन के यंत्रों को डिस्मेंटल किया गया, तथा मैनुअल गियर बॉक्स की कटिंग कर कर्मचारियों ने...

70 साल पुराना अंग्रेजों का वेस्ट केबिन जमींदोज
हिन्दुस्तान टीम,मुंगेरFri, 21 Sep 2018 01:32 AM
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एनआई की शुरुआत 70 पुराना अंग्रेजों द्वारा निर्मित वेस्ट केबिन से हुआ है। डीआरएम तनु चंद्रा की अगुवाई में वेस्ट केबिन के यंत्रों को डिस्मेंटल किया गया, तथा मैनुअल गियर बॉक्स की कटिंग कर कर्मचारियों ने एक एक कल-पुर्जे को अलग किया।

हालांकि केबिन के सामान को हटाने में करीब सात घंटे से अधिक लग गया था। संध्या 5.15 में कंस्ट्रक्शन विभाग के एसएसई एनके सिन्हा की अगुवाई में जेसीबी मशीन और पोकलेन के सहारे केबिन भवन को ध्वस्त किया गया। तथा पटरी पर बिखरे मलवे को हटाने में कर्मचारियों को 6 घंटे से अधिक समय लग गया। डीआरएम ने बताया कि यहां करीब 600 मीटर की लंबी लाइन बिछायी जाएगी।

पटरी व स्लीपर उखाड़ने में दिनभर लगे रहे रेलकर्मी : एनआई वर्क की हरी झंडी मिलते ही करीब एक दर्जन रेलवे विभाग के 300 कर्मचारी एक साथ ईस्ट व वेस्ट सिग्नल केबिन के पास कार्य में भिड़ गये। सुबह से शाम तक पटरी, स्लीपर उखाड़ने तथा वेस्ट केबिन को ध्वस्त करने में रेल प्रशासन और कर्मचारी लगे रहे। जेसीबी मशीनों व पटरी व स्लीपर उठाने वाली मशीन से कार्यों में तेजी आयी। वहीं कर्मचारी पटरी को एक स्थान से दूसरे स्थान, हय्या हो-हय्या हो आवाज लगाकर खींचते और फेंकते नजर आए। वहीं डीआरएम एनआई वर्क के बीच बीच में जायजा लिया। तथा किसी तरह की अप्रिय घटना न हो, इसलिए पूरी सेफ्टी के साथ कार्य करने का आदेश दिया है।

उल्लेखनीय है कि सीआरआरआई सिस्टम में मात्र 4 से 5 कर्मचारियों की आवाश्यकता होगी। ट्रेन व इंजन बेपटरी होना, सिग्लन व प्यइंटर फेल होने जैसी झंझट से भी रेल प्रशासन व यात्रियों को मिल जाएगा छुटकारा। इसके अलावा ट्रेनों की संख्या में बढ़ोतरी होगी।