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बाघमारी गांव में रेलवे द्वारा मार्ग अवरुद्ध किए जाने से गांव वाले हैं चिंतित

अभियान का लोगो लगा देंअभियान का लोगो लगा दें मंदारहिल ट्रेन का ठहराव पांच दिनों तक बाघमारी होता था वसंत उत्सव के अवसर पर एकमात्र...

बाघमारी गांव में रेलवे द्वारा मार्ग अवरुद्ध किए जाने से गांव वाले हैं चिंतित
हिन्दुस्तान टीम,बांकाWed, 22 May 2024 01:15 AM
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बौंसी(बांका)। निज संवाददाता
मंदारहिल भागलपुर रेलखंड पर बौंसी प्रखंड के गुरुधाम के समीप बाघमारी गांव की आबादी करीब 2500 है। इस गांव के समीप से ही रेलवे लाईन गुजरती है। आजादी के बाद से इस गांव में मंदारहिल ट्रेन का ठहराव होता रहा है। इसी जगह से उतर कर श्रद्धालु योगनगरी गुरुधाम जाते थे। अब रेलवे के द्धारा इस गांव के समीप रेल लाईन से होकर गुजरने वाली सड़क को बंद करने जा रही है। पिछले 8 मई की रात रेलवे पटरी के किनारे रेलवे के कर्मियों द्वारा गड्ढा खोद दिया गया साथ ही वहां पर मार्ग को अवरुद्ध करने के लिए रेलवे के स्लीपर लाए गये हैं। हालांकि इस बात की जानकारी जैसे ही ग्रामीणों को मिली थी ग्रामीण रात में ही काफी संख्या में जूट गये थे और इस बात का विरोध कर रहे हैं जो आज तक जारी है। रेलवे के द्धारा एक सुचना पट्ट भी लगा दिया गया है जिसपर लिखा है कि रेलवे लाईन क्रास करने से लोगों की जान भी जा सकती है। जानकारी हो कि बाघमारी गांव जाने के लिए एनएच से यही एकमात्र रास्ता है जिससे कई दशको से ग्रामीण गांव में प्रवेश कर रहे हैं। एनएच से महज 50 मीटर की दूरी पर स्थित इस गांव में रेलवे के द्वारा समपार या रेलवे गुमटी नहीं लगाया जाता है तो इस गांव के लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। रेलवे लाईन के किनारे सडड़ मार्ग के दोनों तरफ सड़क खोद देने से लोगों को काफी परेषानी होगी। एक तरफ बच्चे जो प्रतिदिन वाहनों से विद्धालय जाते हैं वह बंद हो जाएगा। साथ गांव मे अगर कोई बीमार पड़ जाए या गर्भवती महिलाओं को अस्पताल तक ले जाने के लिए एम्बुलेंस या किसी प्रकार का वाहन गांव में नहीं आ पाएगा। गांव में आवागमन की भारी समस्या उत्पन्न हो जाएगी। इन्हीं सस्याओं से ग्रामीण भयभीत हैं। ग्रामीणों का कहना है कि अगर रेल प्रशासन बैकल्पिक व्यवस्था नहीं करती है तो बच्चे स्कूल कैसे जाएंगे। मरीजों को अस्पताल कैसे पहुंचाया जाएगा गांव के लोग बाजार कैसे पहुंचेंगे।

कहते हैं ग्रामीण

ग्रामीण मिथिलेश कुमार, हरि सिंह, संतोष कुमार अंकित कुमार कमल अरविंद सिंह जवाहर सिंह, राजीव कुमार सिंह, सुरेश सिंह नीरज सिंह, उमेश कुमार सिंह, बबलू मांझी, आदित्य मंडल सहित कई ग्रामीणों ने बताया कि कुछ दिनों पूर्व यहां पर इस समस्या को लेकर 2022 में ही मालदा डीवीजन के डीआरएम से मिलकर एक ज्ञापन सौंपा गया था ताकि यहां पर समपार की व्यवस्था की जाए जिसपर उन्हें आश्वासन दिया गया था। उन लोगों को उम्मीद है कि जल्द ही समस्या का समाधान होगा

बाघमारी का यह रेलवे क्रासिंग काफी पुराना है

मंदारहिल रेलखंड पर बाघमारी गांव के समीप बना रेलवे का्रसिंग भले ही सरकारी तौर पर नहीं है लेकिन यहां पर रेलवे का ठहराव 1950 से ही होता रहा है। ग्रामीण वीरेंद्र कुमार सिंह, अनिल कुमार मंडल, मिथलेश कुमार चौधरी ने बताया कि यह गांव काफी पुराना है इस गांव में ही एक ग्रामीण थे बृजमोहन चौधरी जिन्होंने एक लोटा से बाग को मार दिया था तब से इस गांव का नाम बाघमारी पड़ा है उन्होंने बताया कि इसी गांव के समीप ही योगनगरी गुरुधाम है जहां पर फरवरी माह में प्रत्येक साल वसंतउत्सव होता है। रेलवे के द्वारा पहले एकमात्र ट्रेन चलायी जाती थी जिसका ठहराव पांच दिनों तक बाघमारी गांव के समीप होता था। यहीं से उतर कर लोग ट्रेन पकड़ते थे और उतरते थे। लेकिन यहां पर हाल्ट का निर्माण होना तो दूर की बात उल्टे हमलोगों का रास्ता भी बंद किया जा रहा है। इस जगह पर समपार या बैकल्पिक मार्ग को लेकर 15 दिन पहले भी डीएम, डीआरएम सहित सांसद एवं अन्य को आवेदन दिया गया है ताकि इस समस्या का समाधान हो सके।

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