4 शहर, 2 कार और नया सिमकार्ड: पोर्श कांड में फंसे आरोपी का पिता पुलिस से कैसे खेलता रहा आंखमिचौली
Pune Porsche crash Case: आरोपी नाबालिग का पित पुणे से कोल्हापुर चला गया, जहां उसने अपने एक दोस्त से मुलाकात की। कोल्हापुर में चालाकी दिखाते हुए अग्रवाल ने अपनी कार और ड्राइवर को मुंबई की तरफ भेज दिया।
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Pune Porsche crash Case: पुणे पुलिस ने कल्याणीनगर इलाके में रविवार तड़के पोर्श कार और मोटरसाइकिल के बीच हुई टक्कर में दो लोगों की मौत के मामले में कार चला रहे नाबालिग के रियल एस्टेट कारोबारी पिता विशाल अग्रवाल को आखिरकार गिरफ्तार कर ही लिया। लेकिन उससे पहले अग्रवाल ने पुलिस को खूब छकाया। अग्रवाल को आज सुबह महाराष्ट्र के छत्रपति संभाजी नगर से गिरफ्तार किया गया है। पुलिस ने किशोर को शराब परोसने के लिए दो होटल के तीन अधिकारियों को भी गिरफ्तार किया है। अधिकारियों ने मंगलवार को यह जानकारी दी।
अधिकारियों के अनुसार, दुर्घटना जिस पोर्श कार से हुई, उसे कथित तौर पर 17 वर्षीय किशोर चला रहा था और रविवार तड़के उसने कल्याणी नगर में मोटरसाइकिल सवार दो लोगों को टक्कर मार दी थी जिससे उनकी मौत हो गई। पुलिस का दावा है कि किशोर ने घटना के समय शराब पी रखी थी। इस दुर्घटना के बाद पुलिस ने विशाल अग्रवाल के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी लेकिन वह पुलिस को चकमा देकर शहर से भाग खड़ा हुआ।
इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, अग्रवाल जब शहर छोड़कर भागने लगा, तब वह सबसे पहले पुणे स्थित अपने कई ठिकानों को खंगाला। इसमें उसका दौंद स्थित फार्महाउस भी शामिल है। इसके बाद वह पुणे से कोल्हापुर चला गया, जहां उसने अपने एक दोस्त से मुलाकात की। कोल्हापुर में चालाकी दिखाते हुए अग्रवाल ने अपनी कार और ड्राइवर को मुंबई की तरफ भेज दिया, ताकि पुलिस को चकमा दे सके। इसके बाद वह खुद अपने दोस्त की कार में बैठकर संभाजी नगर चला गया।
अग्रवाल इतने पर भी नहीं रुका। पुलिस को चकमा देने के लिए उसने अपने परिजनों को अपने ठिकाने के बारे में गलत जानकारी दी और दावा किया कि वह मुंबई जा रहा है। ताकि पुलिस गुमराह हो जाय। इसके बाद उसने अपने फोन को स्विच ऑफ कर लिया और फिर नए सिम का इस्तेमाल करने लगा, ताकि पुलिस उसे जीपीएस से ट्रैक नहीं कर सके। हालांकि, पुलिस उसके दोस्त की कार में लगे जीपीएस से ट्रैक करती रही।
पुणे क्राइम ब्रांच की टीमों ने अग्रवाल का पता लगाने के लिए टेक्निकल सर्विलांस और जीपीएस ट्रैकिंग सिस्टम का इस्तेमाल किया। इसके अलावा CCTV फुटेज का विश्लेषण किया और अग्रवाल द्वारा अपने परिवार को भेजे गए संदेशों को इंटरसेप्ट किया। इसके बाद पुलिस इस नतीजे पर पहुंची कि अग्रवाल संभाजीनगर में छिपा हुआ है। आख़िरकार, पुलिस ने विशाल अग्रवाल को संभाजीनगर के एक छोटे से लॉज में धर दबोचा, जहां वह छिपा हुआ था।
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