ट्रेंडिंग न्यूज़

अगला लेख

अगली खबर पढ़ने के लिए यहाँ टैप करें

Hindi News झारखंड जमशेदपुररेलवे में नौकरी के नाम पर फर्जीवाड़ा में दो आरोपी गिरफ्तार

रेलवे में नौकरी के नाम पर फर्जीवाड़ा में दो आरोपी गिरफ्तार

चक्रधरपुर रेल मंडल के बीरबांस स्टेशन पर रेलवे में नौकरी के फर्जीवाड़े मामले में सीनी रेल पुलिस ने दो आरोपियों को गिरफ्तार किया...

रेलवे में नौकरी के नाम पर फर्जीवाड़ा में दो आरोपी गिरफ्तार
हिन्दुस्तान टीम,जमशेदपुरMon, 27 May 2024 01:15 AM
ऐप पर पढ़ें

चक्रधरपुर रेल मंडल के बीरबांस स्टेशन पर रेलवे में नौकरी के फर्जीवाड़े मामले में सीनी रेल पुलिस ने दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है। रविवार को गिरफ्तार आरोपियों में अंशुमन गुप्ता एवं एक अन्य महिला शामिल हैं। फिलहाल दोनों आरोपियों से सीनी रेल थाने में पूछताछ हो रही है।
रेल एसपी प्रवीण पुष्कर ने बताया कि आरोपियों की गिरफ्तारी पीड़ित युवकों के बयान के आधार पर हुई, जबकि बीरबांस स्टेशन से गिरफ्तार डेविड ने भी अंशुमन गुप्ता एवं अन्य का नाम लिया था। मामले में चेन्नई निवासी महिला आरोपी का भी नाम सामने आया है, जिसकी गिरफ्तारी के लिए रेल पुलिस छापेमारी कर रही है। बताया जाता है आरोपियों की गिरफ्तारी मोबाइल लोकेशन के आधार पर हुई। प्राथमिकी दर्ज होने के बाद से पुलिस उनकी गिरफ्तारी के लिए आदित्यपुर एवं गम्हरिया व अन्य स्थानों पर छापेमारी कर रही थी। रेल एसपी का मानना है कि पूछताछ में कई अन्य मामलों का भी खुलासा हो सकता है, क्योंकि जांच में सामने आया कि रेलवे में फर्जी नौकरी देने वालों का जाल पश्चिम बंगाल के हावड़ा, खड़गपुर समेत अन्य स्टेशनों पर भी फैला है।

तीन युवकों से लिए थे 21 लाख रुपये

नौकरी लगाने का झांसा देकर टिकट एजेंट अंशुमन व अनुराग समेत एक महिला ने तमिलनाडु के धीविन कुमार, बंगाल नदिया के रूपम शाह और शुभाशीष मंडल से 21 लाख रुपये लिए थे। युवकों को बीरबांस स्टेशन पर बुकिंग क्लर्क की ट्रेनिंग के नाम पर 10 हजार रुपये देने का आश्वासन भी दिया था। रेल पुलिस की छानबीन में सामने आया कि तीनों युवकों को पहले गम्हरिया स्टेशन पर रेलवे बुकिंग काउंटर संचालन का प्रशिक्षण दिया गया था, लेकिन लाइसेंस खत्म होने के बाद उन्हें विश्वास में रख लिया गया, जहां से विजिलेंस टीम ने पकड़कर फर्जीवाड़ा का खुलासा किया है।

16 अप्रैल को हुआ था खुलासा

दक्षिण पूर्व रेलवे जोन की विजिलेंस टीम ने 16 अप्रैल को बीरबांस स्टेशन पर छापेमारी कर फर्जी नौकरी देने वाले गिरोह का भंडाफोड़ किया था। इस दौरान तीन पीड़ित युवक और एक एजेंट मौके से पकड़े गए थे। विजिलेंस पदाधिकारी ने चांडिल रेल थाने में केस दर्ज कराया है, जबकि चक्रधरपुर रेल मंडल भी स्टेशन दर स्टेशन बुकिंग एजेंट का लाइसेंस व प्रमाणपत्र की जांच करा रहा है। इधर, रेल पुलिस ने जमशेदपुर की अदालत में बयान दर्ज कराने के बाद तीनों युवकों और स्टेशन के टिकट केंद्र संचालक डेविड को निजी मुचलके पर थाने से छोड़ दिया।

यह हिन्दुस्तान अखबार की ऑटेमेटेड न्यूज फीड है, इसे लाइव हिन्दुस्तान की टीम ने संपादित नहीं किया है।