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कानीमहुली हॉल्ट पर पानी के लिए तरसते हैं यात्री

चाकुलिया प्रखंड में पश्चिम बंगाल सीमा से सटे कानीमहुली हॉल्ट पर यात्री सुविधाओं की घोर कमी है। पानी का इंतजाम नहीं है। यात्रियों को पानी के लिए...

कानीमहुली हॉल्ट पर पानी के लिए तरसते हैं यात्री
हिन्दुस्तान टीम,घाटशिलाThu, 23 Feb 2023 02:02 AM
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घाटशिला, हिटी।

चाकुलिया प्रखंड में पश्चिम बंगाल सीमा से सटे कानीमहुली हॉल्ट पर यात्री सुविधाओं की घोर कमी है। पानी का इंतजाम नहीं है। यात्रियों को पानी के लिए भटकना पड़ता है। रेल प्रशासन की उपेक्षा के कारण दोनों प्लेटफार्म पर पेयजल का इंतजाम नहीं है। पानी के लिए यात्रियों को प्लेटफार्म से दूर टिकट काउंटर तक जाना पड़ता है। इसके लिए कई बार कानीमहुली स्टेशन डिमांड कमेटी ने डीआरएम को पत्राचार किया है। परंतु अबतक कोई पहल नहीं हुई है। इस हॉल्ट पर लगभग सभी पैसेंजर ट्रेनों का ठहराव होता है। झारखंड और पश्चिम बंगाल के सैकड़ों यात्री यहां ट्रेनों पर सवार होते और उतरते हैं। प्लेटफार्म से दूर टिकट काउंटर के पास बोरिंग है और टिकट काउंटर में पेयजल की सुविधा है। परंतु प्लेटफार्म पर पेयजल की व्यवस्था नहीं है।

स्टेशन डिमांड कमेटी के सचिव राजेंद्र सोरेन ने कहा कि इस हॉल्ट पर रोजाना दो राज्यों के सैकड़ों यात्री लोकल ट्रेन पर सवार होते हैं। उन्होंने कहा कि गर्मी के मद्देनजर प्लेटफार्म पर पेयजल की व्यवस्था जरूरी है। इस हॉल्ट पर लगभग सभी पैसेंजर ट्रेनों का ठहराव है। पैसेंजर ट्रेन में सफर करने वाले यात्रियों के लिए टिकट काउंटर के पास आकर पानी लेना संभव नहीं हो पाता है। राजेंद्र सोरेन ने कहा कि इस इस हॉल्ट पर रोजाना दो राज्यों के सैकड़ों यात्री लोकल ट्रेन पर सवार होते हैं। दूसरी ओर बस स्टैंड की बात करें तो घाटशिला फुलडुंगरी बस स्टैंड से टाटानगर, बहरागोड़ा, मुसाबनी, दामपाड़ा, झांटीझरना समेत अन्य स्थानों के लिए बसें खुलती है, जहां से सैकड़ों यात्री रोजाना आना-जाना करते हैं। पेयजल की सुविधा के नाम पर यहां पर सिर्फ एक छोटी सी जलमीनार है जो पिछले कई सालों से खराब पड़ी थी, लेकिन माह भर पहले मुखिया ने फंड से ठीक करवाया है। इसके बाद यात्री को थोड़ा बहुत पानी मिल जाता है, लेकिन यह जलमीनार के आसपास गंदगी के अंबार के कारण अधिकतर यात्री पानी का इस्तेमाल नहीं करते हैं। बस स्टैंड में पूर्ण रुप से पेयजल व्यवस्था को लेकर एसडीओ ने कहा कि चापाकल या जलमीनार ठीक कराने को लेकर पंचायत को अधिकार दिये गये है, मुखिया की जिम्मेदारी है कि वह पेयजल की समुचित व्यवस्था कराये।

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