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मई-जून में कोल कंपनियों और रेलवे को बहाना होगा पसीना

मई-जून में कोल कंपनियों और रेलवे को पसीना बहाना होगा। गर्मी के कारण बिजली की मांग बढ़ने से ज्यादा कोयले की आपूर्ति करनी...

मई-जून में कोल कंपनियों और रेलवे को बहाना होगा पसीना
हिन्दुस्तान टीम,धनबादFri, 28 Apr 2023 02:30 AM
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धनबाद, मुकेश सिंह

मई-जून में कोल कंपनियों और रेलवे को पसीना बहाना होगा। गर्मी के कारण बिजली की मांग बढ़ने से ज्यादा कोयले की आपूर्ति करनी होगी। पिछले वित्तीय वर्ष यानी 2022-23 के आंकड़ों पर गौर करें तो मई और जून महीने में ज्यादा कोयले की आपूर्ति का दबाव रहता है। 2022 में मई व जून में कोल इंडिया की ओर से सबसे ज्यादा औसतन प्रतिदिन 273 रैक कोयले की हर दिन पावर प्लांटों में आपूर्ति की गई। चालू वित्तीय वर्ष में भी मई-जून में ज्यादा कोयले की आपूर्ति का दबाव रहेगा।

पावर प्लांटों में इन दो महीनों में सबसे ज्यादा बिजली उत्पादन किया जाता है। औद्योगिक बिजली की मांग तो रहती ही है, गर्मी बढ़ने से घरेलू बिजली की भी मांग बढ़ जाती है। वरिष्ठ कोयला अधिकारी ने बताया कि यूं तो पावर प्लांटों में बिजली उत्पादन की फिक्स क्षमता रहती है। ज्यादातर पावर प्लांट मांग के अनुरूप बिजली उत्पादन करते हैं। मई-जून में पावर प्लांटों में क्षमता का पूरा उपयोग बिजली उत्पादन में किया जाता है।

कोल इंडिया की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार झारखंड में रेलवे से कोयला ढुलाई की क्षमता 2023 में बढ़ेगी। 43.70 किलोमीटर टोरी-शिवपुर डबल लाइन को कमिशन कर दिया गया है, जिससे 65 मिलियन टन प्रतिवर्ष कोयले की ढुलाई रैक से होगी। इससे सीसीएल के नॉर्थ कर्णपुरा को काफी फायदा होगा। वहीं तीसरी लाइन का भी काम चालू है। दिसंबर 2023 तक काम पूरा हो जाएगा। तीसरी लाइन चालू होने से सालाना कोयला ढुलाई की क्षमता इस लाइन से 100 मिलियन टन हो जाएगी। उक्त प्रोजेक्ट को कोल इंडिया के वित्तीय सहयोग से ईस्ट सेंट्रल रेलवे द्वारा किया जा रहा है।

घटने की जगह बिजली के लिए कोयले पर निर्भरता बढ़ रही

एक तरफ चरणबद्ध ढंग से कोयले का उपयोग कम करने की योजना है। वैसे भारत में पिछले तीन साल के आंकड़ों पर गौर करें तो कोयले के विकल्प के रूप में वैकल्पिक ऊर्जा स्रोत विकसित करने में बहुत सफलता नहीं मिली है। 2021 के मुकाबले बिजली उत्पादन में कोयले का शेयर बढ़ता गया है। उदाहरण स्वरूप नवंबर 2021 में कुल बिजली उत्पादन में कोयले का शेयर 73.29 था। नवंबर 2022 में बढ़कर 74.29 प्रतिशत हो गया। 2023 के आंकड़ों पर गौर करें तो जनवरी व फरवरी में कोयले का बिजली उत्पादन में शेयर 75 प्रतिशत के आसपास था। मार्च 2023 में 85.86 प्रतिशत हो गया।

वित्तीय वर्ष 2022-23 में प्रतिदिन औसतन रैक कोयला आपूर्ति

अप्रैल 2022 260.9

मई-2022 274.2

जून-2022 274.3

जुलाई-2022 248.3

अगस्त-2022 232.5

सितंबर-2022 232.4

अक्तूबर 2022 237.5

नवंबर 2022 265.9

दिसंबर 2022 269.4

जनवरी 2023 273.3

फरवरी-2023 271.0

मार्च 2023 271.2

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