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Hindi News बिहारPM Kisan Samman Nidhi: बिहार में 60 लाख किसान नहीं करा सके E-KYC; जानें क्या होगा असर

PM Kisan Samman Nidhi: बिहार में 60 लाख किसान नहीं करा सके E-KYC; जानें क्या होगा असर

बिहार में 60 लाख किसान तय समय पर ई केवाईसी नहीं करवा पाए हैं। ऐसे में अब उन्हें मुफ्त में होने वाले काम के लिए शुल्क देना होगा और सुविधा केंद्र जाना होगा। सरकार ने ई केवाइसी की तारीख बढ़ाई।

PM Kisan Samman Nidhi: बिहार में 60 लाख किसान नहीं करा सके E-KYC; जानें क्या होगा असर
हिन्दुस्तान ब्यूरो,पटनाSat, 02 Apr 2022 09:11 AM
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पीएम किसान सम्मान योजना के 60 लाख लाभुकों का तय समय तक ई-केवाईसी नहीं हो सका। लिहाजा जो काम मुफ्त में होता अब उसके लिए रुपये खर्च करने होंगे। सरकार ने समय तो 31 मार्च से बढ़ाकर 31 मई कर दिया लेकिन सुविधाएं कम कर दी। अब किसानों को ई-केवाईसी के लिए हर हाल में सुविधा केंद्र पर ही जाना होगा। वहां उन्हें इसके लिए 15 रुपये भुगतान भी करना होगा।

केन्द्र सरकार ने पीएम किसान सम्मान निधि पाने के लिए ई केवाईसी जरूरी कर दिया है। इसके लिए 31 मार्च तक का समय दिया गया था। तय समय में किसानों के पास यह ऑप्शन था कि बिना शुल्क के अपने मोबाइल से ई केवाईसी कर सकते हैं। 85 लाख लाभुकों में 25 लाख ही इसका लाभ ले सके। तय समय बीत गया और 60 लाख का ई-केवाईसी नहीं हो सका। अब सरकार ने साफ कर कर दिया है कि मोबाइल या किसी अन्य साइबर कैफे से वह ई-केवाईसी नहीं करा पाएंगे। इसके लिए पास के सुविधा केंद्र पर जाना होगा।

किसानों को अपनी ही गलती से होने वाली यह परेशानी दोहरी है। सुविधा केंद्रों पर सरकार ने तय तो किया है 15 रुपये प्रति किसान लेकिन कहीं भी इस शुल्क पर ई-केवाईसी नहीं होगा। पहले भी जिन किसानों ने वसुधा केंद्रों से यह काम कराया उन्हें 50 रुपये तक शुल्क देने पड़े हैं। सरकार के पास इस पर नियंत्रण के लिए कोई व्यवस्था नहीं है। ऐसे में मनमानी तय है।

2019 से इस योजना में भुगतान को आधार बेस्ड किया गया है

राज्य के 85 लाख किसानों को पीएम किसान सम्मान निधि की राशि मिलती है। हर साल किसानों को छह हजार रुपये दिये जाते हैं। यह राशि उन्हें दो हजार की तीन किस्तों में दी जाती है। लेकिन, इसके लिए जरूरी है कि किसानों को राज्य के कृषि विभाग में निबंधित होना होगा। पहले इसी निबंधन के आधार पर भुगतान होता था। लेकिन केंद्र सरकार ने एक दिसंबर 2019 से इस योजना में भुगतान को आधार बेस्ड कर दिया है। लिहाजा किसानों को आधार कार्ड के आधार पर ही भुगतान होता है। पारदर्शिता के लिए अब सरकार ने ई-केवाईसी जरूरी कर दिया है। यह व्यवस्था एक तरह से पेंशनधारियों के लिए जरूरी लाइफ सर्टिफिकेट जैसा ही है।