ट्रेनों के झटके होंगे खत्म, नहीं बदलना होगा इंजन
आने वाले समय में ट्रेनो में न तो झटके लगेंगे और न ही किसी स्टेशन पर इंजन बदलना पड़ेगा। ट्रेन संचलन और अत्याधुनिक और सहज बनाने के लिए आरडीएसओ ने नई तकनीक पुश-पुल सिस्टम इजाद किया है। इस सिस्टम में आगे...
आने वाले समय में ट्रेनो में न तो झटके लगेंगे और न ही किसी स्टेशन पर इंजन बदलना पड़ेगा। ट्रेन संचलन और अत्याधुनिक और सहज बनाने के लिए आरडीएसओ ने नई तकनीक पुश-पुल सिस्टम इजाद किया है। इस सिस्टम में आगे की तरह ट्रेन के सबसे पीछे भी एक इंजन लगेगा। पूर्वोत्तर रेलवे के क्षेत्र से फिलहाल वैशाली और कुशीनगर एक्सप्रेस में यह सिस्टम लगाने की तैयारी है।
ट्रेन के आगे व पीछे लगे दोनों इंजन केबल के जरिए आपस में कनेक्ट रहेंगे। मसलन लोको पायलट जो कमांड आगे के इंजन में देगा वही कमांड पीछे के इंजन में खुद ब खुद लग जाएगा। आगे के इंजन में ब्रेक लगा तो पीछे के इंजन में भी उसी समय ब्रेक लगेगा। इस सिस्टम से ट्रेनों पर भरपूर नियंत्रण तो रहेगा ही, साथ ही रफ्तार भी अच्छी रहेगी। पुल एंड पुश सिस्टम यात्रियों के 20 घंटे की यात्रा अवधि को एक से डेढ़ घंटे कम कर सकता है।
विद्युतीकरण का होगा फायदा : पुश एंड पुल सिस्टम में इलेक्ट्रिक इंजन का ही इस्तेमाल होना है। लिहाजा इसमें वैसी ट्रेनें ली जाएंगी, जिसमें एलएचबी और इलेक्ट्रिक इंजन भी लगी हो। अपने यहां दोनों सुविधाएं पहली से ही हैं।
क्या है पुश एंड पुल सिस्टम
इस सिस्टम के तहत ट्रेन में आगे और पीछे दो इलेक्ट्रिक इंजन लगी होती है। एक खींचता है तो एक ढकेलता है। इससे ट्रेन की स्पीड अधिक होती है। दोनों इंजन के परिचालन में सामंजस्य और नियंत्रण के लिए मोबाइल के ब्लूटूथ डिवाइस की तरह ही एक डिवाइस होता है।
कोट
पुश एंड पूल सिस्टम तकनीक आरडीएसओ ने विकसित की है। इस सिस्टम के जरिए यात्रियों को न तो झटके लगेंगे और न ही कहीं इंजन बदलने की जरूरत होगी।
एनके सिन्हा, ईडी प्रशासन, आरडीएसओ
बॉक्स
एक से डेढ़ घंटे कम होगी यात्रा
ट्रेन गन्तव्य वर्तमान समय सिस्टम के बाद समय
वैशाली एक्सप्रेस नई दिल्ली 13 घंटे 35 मिनट 12 घंटे 45 मिनट
कुशीनगर मुम्बई 33 घंटे 20 मिनट 32 घंटे 20 मिनट