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आरपीएफ बैरक सीनी में भगवान शिव का हुआ व्याख्यान

सरायकेला: रेलवे सुरक्षा बल के सीनी बैरक स्थित शिव मंदिर में शिवरात्रि के अवसर पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिसका उद्घाटन रेलवे सुरक्षा बल सीनी के...

आरपीएफ बैरक सीनी में भगवान शिव का हुआ व्याख्यान
हिन्दुस्तान टीम,सराईकेलाSun, 19 Feb 2023 05:00 PM
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सरायकेला: रेलवे सुरक्षा बल के सीनी बैरक स्थित शिव मंदिर में शिवरात्रि के अवसर पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिसका उद्घाटन रेलवे सुरक्षा बल सीनी के ओसी अमल कुमार घोष ने किया। आनंद मार्ग प्रचारक संघ के राजेन्द्र प्रसाद ने कहा कि आदिगुरु भगवान शिव की शिक्षा आज भी प्रासंगिक है। उन्होंने बताया कि श्री श्री आनन्द मूर्ति ने शिव शिक्षा के 12 सूत्रों की व्याख्या की है जिनमें शिव पुराण,शिव संहिता और आगम निगम शास्त्र को समाहित कर दिया है। आचार्य ने बताया भगवान शिव का जन्म लगभग 7000 वर्ष पूर्व हुआ था। उन्होंने न केवल मनुष्य वरन् समस्त जीव जगत के कल्याण के लिए अपना सर्वस्व लुटा दिया और अपने आगमन को सार्थक कर के इस धरती के कण कण को पवित्र कर गए। प्राचीन काल के शोषित, पीड़ित और अवहेलित जन समुदाय ने भगवान शिव को अपने परम् आश्रय के रूप में पाया था। उन्होंने बताया कि भगवान शिव इस धरती के पहले विवाहित पुरुष हैं। उनके आगमन से पहले मानव अर्धविकसित था। स्त्री-पुरुष में पारिवारिक जीवन पद्धति को मान कर चलने की व्यवस्था नहीं थी। सन्तान के लालन पालन का दायित्व कोई नहीं लेता था। शिव ने नियम बनाया कि पुरुष को परिवार के भरण पोषण का दायित्व लेना होगा इसलिए उन्होंने विवाहित पुरुष को भर्ता कहा जबकि विवाहित स्त्री को कलत्र घोषित किया जो कि उभयलिंग है। अर्थात पति के साथ वह स्त्री और स्त्रीलिंग वाचक रहेगी किंतु सन्तान और अन्य लोगों के साथ वह पुरुष की भांति महिमामय रहेगी। इसलिए आज भी विवाह के समय वर-वधु को शिव-पार्वती की तरह रहने की शपथ दिलाई जाती है। कार्यक्रम को सफल बनाने में बाल चन्द साहु,सुदर्शन व आरपीएफ के जवानो का सराहनीय योगदान रहा।

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