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जंगलेश्वर टीला: खुदाई में विक्रमशिला विहार की तरह मिल रही दीवार

दीवार से सटे कुछ लोहे के मोटे प्लेट की शक्ल के भी कुछ अंश मिले

जंगलेश्वर टीला: खुदाई में विक्रमशिला विहार की तरह मिल रही दीवार
हिन्दुस्तान टीम,भागलपुरTue, 20 Feb 2024 01:31 AM
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कहलगांव, निज प्रतिनिधि। प्राचीन विक्रमशिला महाविहार से सटे अंतीचक गांव के जंगलेश्वर टीला की खुदाई का काम भारतीय पुरातत्व एवं सर्वेक्षण विभाग पटना की टीम लगातार 8 फरवरी से कर रही है। खुदाई के दौरान सोमवार को विभाग द्वारा पहले लेयर की खुदाई के उपरांत विक्रमशिला से जुड़ी हुई दीवारों की तरह दीवार मिल रही है। दीवार की लंबाई कहां तक गई है यह स्पष्ट नहीं है। खुदाई में दीवार से सटे कुछ लोहे के मोटे प्लेट की शक्ल के भी कुछ अंश मिले हैं। जिसकी जांच के लिए पटना अंचल से पुरातत्व विभाग की टीम सोमवार को जंगलेश्वर टीले की खुदाई स्थल पर पहुंच कर मिली धातुओं का सैम्पल जमा किया।
टीम के सदस्यों ने बताया कि लोहे के जैसे मोटे प्लेट की शक्ल के कुछ धातुओं के होने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता है। टीम के सदस्यों ने बताया कि इन सैम्पलो को पुरातत्व विभाग के लैव में लेकर जायेंगे। जिसकी जांच के बाद ही कुछ भी बताया जा सकता है। इसके अलावा खुदाई के दौरान कुछ छोटे-छोटे जानवरो की अस्थियां, घड़े या सुराही के टुकड़े सहित जमीन के अंदार से निकली कई वस्तुओं को लैव ले जाने के लिए सैम्पल संग्रहित किया गया। इसके अलावा पत्थर का एक मोटा पिलर भी गिरा मिला है। एएसआई विभाग के जानकारों का कहना है कि जंगलेश्वर टीले में पुरावशेषों का खजाना छुपा हुआ है। जो पूरे जंगलेश्वर टीले की खुदाई से प्राप्त हो सकता है। खुदाई से प्राचीन विक्रमशिला महाविहार के एक नये अघ्याय की खोज भी पूर्ण हो सकती है।

जंगलेश्वर टीले कि खुदाई के लिए गोड्डा सांसद द्वारा प्रेस को 31 मार्च 2023 को ही बताया गया था। उन्होंने इस सवाल को लोकसभा में उठाया और विभाग द्वारा खुदाई का काम शुरू कराया गया। भागलपुर के पूर्व जिला जनसम्पर्क पदाधिकारी शिवशंकर सिंह परिजात ने बताया कि लगभग तीन दशक पहले एएसआई विभाग द्वारा इस टीले की खुदाई का काम ट्रेन्चिंग एक्सकवेशन कार्य नमूने के तौर पर कराया गया था। जिसमें ग्रेनाइट स्टोन का नवग्रह का पैनल भी मिला था। जिसको विक्रमशिला संग्राहालय में प्रदर्शित किया गया है। तत्कालीन अधीक्षण पुरात्तविद पटना अंचल के डॉ. वीएस वर्मा ने बताया था कि उक्त टीले में पुरातत्व का खजाना छुपा हुआ है। उन्होंने उसी समय इसकी खुदाई व्यापक पैमाने पर कराने की जरूरत बताई थी।

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