गुजरात चुनाव में कायम रहा वलसाड का मैजिक, यहां से जो जीता उसकी बनती है सरकार; भरतभाई पटेल जारी रखेंगे परंपरा!
गुजरात में भारतीय जनता पार्टी ने इस बार रिकॉर्डतोड़ जीत हासिल की है। शुरुआती रुझान में एक बार आगे बढ़ने के बाद भाजपा ने यहां पर पीछे मुड़कर नहीं देखा। इसके साथ ही भाजपा का वलसाड का जादू कायम रहा।
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गुजरात में भारतीय जनता पार्टी ने इस बार रिकॉर्डतोड़ जीत हासिल की है। शुरुआती रुझान में एक बार आगे बढ़ने के बाद भाजपा ने यहां पर पीछे मुड़कर नहीं देखा। इसके साथ ही भाजपा का वलसाड का जादू कायम रहा। असल में गुजरात की वलसाड सीट के साथ एक मिथक है। जो भी पार्टी यहां पर जीतती है, वह सरकार बनाती है। साल 1990 से भाजपा लगातार यह सीट जीत रही थी। इस बार भी यहां पर यह परिपाटी कायम रही।
भरतभाई पटेल काफी आगे
इस बार यहां पर भाजपा की तरफ से भरतभाई कीकूभाई पटेल पार्टी के उम्मीदवार थे। कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के उम्मीदवारों के आंकड़े भरतभाई पटेल के आसपास भी नहीं हैं। भरतभाई पटेल को शाम तीन बजे तक 126323 वोट मिले थे। वहीं, 22547 वोटों के साथ सबसे करीबी उम्मीदवार रहे। दूसरी तरफ, कांग्रेस के उम्मीदवार कमलभाई शांतिलाल पटेल को 21522 वोट मिले थे। बता दें कि भरतभाई पटेल इससे पहले भी दो बार यहां पर जीत चुके हैं। इस तरह इस बार उन्होंने हैट्रिक बनाने की तरफ हैं। पिछली बार भरतभाई ने वलसाड सीट पर नरेंद्र कुमार तंदेल को शिकस्त दी थी।
भाजपा 1990 से है यहां कायम
वलसाड सीट पर भाजपा साल 1990 से लगातार जीत रही है। उस साल, दौलतभाई ने वलसाड सीट पर जीत हासिल की थी। तब भाजपा ने जनता दल के साथ मिलकर सरकार बनाई थी। इसके बाद दौलतभाई 1998, 2002 और 2007 में भी वलसाड जीतते रहे। इन सभी चुनाव में गुजरात में भाजपा की ही सरकार बनी। साल 2012 में भाजपा ने वलसाड से भरतभाई पटेल को अपना उम्मीदवार बनाया था। इसके बाद से भरतभाई पटेल दो बार जीते थे और इस बार भी उनकी जीत का सिलसिला थमा नहीं।
केवल 1972 में हुआ था उलटफेर
हालांकि एक बार ऐसा हुआ है जब वलसाड की सीट हारने के बावजूद किसी पार्टी ने अपनी सरकार बनाई थी। ऐसा हुआ था साल 1972 में। उस साल वलसाड सीट पर सिंडिकेट कांग्रेस उम्मीदवार केशव भाई पटेल थे। उन्होंने कांग्रेस के गोविंद देसाई को 6,908 वोटों से हराया था। हालांकि 140 सीटें जीतने वाली कांग्रेस ने सरकार बनाई थी, पर कुछ वक्त के बाद गुजरात में राष्ट्रपति शासन लग गया था।
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