मालगाड़ी के ड्राइवर व गार्ड चल रहे मेल व एक्सप्रेस ट्रेनें
गार्ड व लोको पायलट में है रोष
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पैसेंजर ट्रेनों के गार्ड ड्यूटी कर रहे है मेल व एक्सप्रेस ट्रेनों में
गार्ड व लोको पायलट में है रोष
पिछले साल उन्नाव में एलटीटी लखनऊ एक्सप्रेस के कई कोच पटरी से उतर गए थे। सीआरएस जांच में सामने आया था कि मालगाड़ी के ड्राइवर से एक्सप्रेस ट्रेन चलवाई जा रही थी। सीआरएस ने रिपोर्ट भी बोर्ड को भेजी थी लेकिन इसके बाद भी रेलवे इनसे कोई सीख नहीं ले रहा है। मालगाड़ी के गार्ड और लोको पायलट को मेल व एक्सप्रेस ट्रेनों में ड्यूटी पर लगाया जा रहा है। हालांकि रेल अधिकारी इसको एक नई पहल बता रहे हैं।
रेलवे में लोको पायलट व गार्डों की कमी का खामियाजा यात्रियों को भुगतना पड़ सकता है। रेलवे ने मालगाड़ी के ड्राइवरों के हाथ में मेल व एक्सप्रेस ट्रेनें थमा दी है। जानकारों के अनुसार मालगाड़ी के ड्राइवरों को कागजों पर अपग्रेड करके उनसे एक्सप्रेस ट्रेनें चलवाई जा रही है। वहीं, नियमानुसार मालगाड़ी के ड्राइवर को एक्सप्रेस ट्रेन चलाने के लिए पहले परीक्षा देना पड़ती है। परीक्षा में पास होने के बाद ही उनसे एक्सप्रेस ट्रेन चलवाई जाती है। मगर यहां पर बिना परीक्षा दिए ही उनको मालगाड़ी से एक्सप्रेस ट्रेन चलाने के लिए दी जा रही है।
गार्ड को करना पड़ रही लगातार ड्यूटी
लोको पायलट ही नहीं बल्कि रेलवे में तैनात गार्ड भी काफी परेशान है। असल में गार्डो की कमी के चलते पैसेंजर व मालगाड़ी के गार्डों की ड्यूटी एक्सप्रेस ट्रेन में लगा दी जा रही है। इससे उनको निर्धारित समय से अधिक ड्यूटी करना पड़ रही है और वह आराम भी नहीं कर पा रहे हैं। उत्तर रेलवे में पैसेंजर व मालगाड़ियों के 134 गार्ड है जबकि जरूरत 153 की है। अभी हाल ही में उत्तर रेलवे प्रशासन ने पैसेंजर ट्रेन के गार्डों को मेल-एक्सप्रेस में ड्यूटी करने का फरमान सुनाया है। इससे गार्डों में काफी रोष है। गार्डों का कहना है कि उनकी ड्यूटी तो एक्सप्रेस ट्रेनों में लगाई जा रही है लेकिन उनको वेतन व भत्ता एक्सप्रेस के गार्डों से कम दिया जा रहा है। सीपीआरओ नितिन तिवारी के अनुसार रेलवे में गार्डों की कमी के चलते पैसेंजर गार्डों की ड्यूटी मेल व एक्सप्रेस ट्रेनों में लगाई जा रही है। इनकी ड्यूटी में भी कोई अंतर नहीं है। इससे रेलवे को फायदा होगा।
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