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मंच पर जीवंत हुआ आइंस्टीन का जीवन

जर्मनी के वुटेमबर्ग के एक यहूदी परिवार में जन्मे प्रख्यात वैज्ञानिक अल्बर्ट आइंस्टीन के जन्म से मृत्यु तक के प्रमुख पक्ष शनिवार को नागरी नाटक मंडली...

मंच पर जीवंत हुआ आइंस्टीन का जीवन
हिन्दुस्तान टीम,वाराणसीSun, 26 May 2024 02:30 AM
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वाराणसी, प्रमुख संवाददाता।
जर्मनी के वुटेमबर्ग के एक यहूदी परिवार में जन्मे प्रख्यात वैज्ञानिक अल्बर्ट आइंस्टीन के जन्म से मृत्यु तक के प्रमुख पक्ष शनिवार को नागरी नाटक मंडली न्यास के सभागार में जीवंत हुए। डॉ. संजय मेहता की एकल प्रस्तुति में ये बिंदु बहुत ही प्रभावी तरीके से दर्शकों के समक्ष आए।

मंचन के दौरान अल्बर्ट को शुरुआती दौर में बोलने की दिक्कतों से जर्मन के अलावा इतालवी और अंग्रेजी सीखने की जद्दोजहद को प्रभावी ढंग से प्रस्तुत किया गया। उनके परिवार के म्यूनिख जाने, उनके पिता और चाचा द्वारा बिजली के उपकरण बनाने वाली कंपनी खोलने के घटनाक्रम का आइंस्टीन के जीवन पर पड़े प्रभाव को भी दर्शाया गया। अपनी मां की इच्छा से आइंस्टीन ने वायलिन बजाना सीखा मगर खुद को पसंद न होने से बाद में उसे छोड़ भी दिया। पिता अपनी कंपनी बेचकर सपरिवार इटली चले गए लेकिन आइंस्टीन पढ़ाई पूरी करने के लिए म्यूनिख में ही रुके। उन्हें किन-किन परिस्थितयों से गुजरना पड़ा इसका लेखा जोखा भी सधे अंदाज में डॉ. मेहता ने पेश किया। पॉलिटेक्निक स्कूल में दाखिले के बाद 20 वर्षीय सर्बिया से मुलाकात, प्रेम और फिर विवाह से तलाक तक के घटनाक्रम को जीवंत किया। आइंस्टीन के जीवन में आई सभी छह महिलाओं का उल्लेख भी नाटक में किया गया। अल्बर्ट के महात्मा गांधी से प्रेरित होने और पं.जवाहर लाल नेहरू से मुलाकात को भी मंचन में संजोया गया।

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