अब यात्रियों से वसूली को ट्रेनों में नहीं चढ़ सकेंगे किन्नर
टाटानगर स्टेशन से अब किन्नरों का ट्रेनों पर चढ़ना संभव नहीं होगा, क्योंकि आरपीएफ...
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टाटानगर स्टेशन से अब किन्नरों का ट्रेनों पर चढ़ना संभव नहीं होगा, क्योंकि आरपीएफ ट्रेनों में औचक जांच अभियान चलाएगी। इससे ट्रेनों में किन्नर मिलने पर आरपीएफ रेलवे एक्ट में कार्रवाई करेगी। स्टेशन और ट्रेन से पकड़े जाने पर किन्नरों पर 500 से हजार रुपये तक जुर्माने का प्रावधान है।
यात्रियों की शिकायतों पर दक्षिण पूर्व रेलवे जोन से यह आदेश हुआ है कि ट्रेनों को किन्नर से मुक्त करें। इसको लेकर 15 दिन के लिए चक्रधरपुर मंडल की ट्रेनों में जांच अभियान शुरू हुआ है। जानकारी के अनुसार, मुंबई और दिल्ली मार्ग की ट्रेनों में किन्नर ज्यादा चढ़ते हैं। इससे परेशान यात्रियों ने ट्विटर एवं रेल मदद एप से शिकायत की थी, क्योंकि किन्नर पैसे नहीं देने पर यात्रियों से अभद्र व्यवहार करते हैं। यात्रियों की परेशानी जानकर रेलवे आरपीएफ के माध्यम ट्रेनों को किन्नर से मुक्त कराना चाहता है। हालांकि आरपीएफ स्टेशन पर अभियान चलाकर किन्नर को पकड़कर रेलवे कोर्ट में पेश करती है। लेकिन से वे जुर्माना देकर छूट जाते हैं और फिर ट्रेनों पर चढ़कर यात्रियों से पैसे मांगते हैं।
ट्रेन से युवक को फेंक चुके हैं किन्नर
किन्नरों के समूह ने चार वर्ष पूर्व पैसा नहीं देने पर दुर्ग-राजेंद्रनगर साउथ बिहार एक्सप्रेस से गोलमुरी निवासी युवक को चलती ट्रेन से नीचे फेंक दिया था, जबकि देश के दूसरे हिस्सों से पैसा नहीं देने पर किन्नरों द्वारा यात्री से मारपीट करने और ट्रेन से धकेलने की घटनाएं लगातार सामने आ रही हैं। इससे किन्नरों पर आरपीएफ जवानों की विशेष नजर रहती है। यात्रियों से बदसलूकी रोकने के लिए आरपीएफ सतर्कता बरतती है। इसके बावजूद किन्नरों के व्यवहार की शिकायत रेलवे बोर्ड और जोन तक पहुंच रही है।
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