भय के साए में पढ़ने को मजबूर है म. वि. आदर्शग्राम टीकारामपुर की छात्र एवं छात्राएं
का है जर्जर कमरे के आभाव में संयुक्त रूप से हो रहा कक्षा का संचालन विद्यालय में कक्षा एक से आठ तक के 280 बच्चे हैं नामांकित मुंगेर, निज प्रतिनिधि।...
![भय के साए में पढ़ने को मजबूर है म. वि. आदर्शग्राम टीकारामपुर की छात्र एवं छात्राएं भय के साए में पढ़ने को मजबूर है म. वि. आदर्शग्राम टीकारामपुर की छात्र एवं छात्राएं](https://images1.livehindustan.com/uploadimage/library/2020/10/29/16_9/16_9_1/default-image640x360.jpg)
मुंगेर, निज प्रतिनिधि। एक ओर सरकार शिक्षा की बेहतरी के लिये लगातार प्रयासरत है, लेकिन सरकार के सभी प्रयास तब हास्यापद हो जाती है जब जगह-जगह शिक्षा का मंदिर यानि स्कूल की बदहाली देखने को मिल जाता है। इसका प्रमाण वैसे तो मुंगेर जिले में दर्जनों की संख्या में है, लेकिन हम सदर प्रखंड अंतर्गत मध्य विद्यालय आदर्शग्राम ग्राम टीकारामपुर की चर्चा करें तो यहां शिक्षा के क्षेत्र में सरकारी दावा पूरी तरह से हास्यापद है। इस विद्यालय में नामांकित 280 बच्चे भय के साए में पढ़ने को मजबूर है। एक तो विद्यालय में कमरों की कमी है वहीं उपलब्ध कमरा भी काफी जर्जर अवस्था में है। जिसके कारण बच्चों में हमेशा किसी अनहोनी का भय बना रहता है। और तो और विद्यालय में बच्चों के अनुपात में शिक्षकों की भी कमी है। विद्यालय में कार्यरत छह शिक्षक हैं जिसमें एक डिप्टेशन में तो एक प्रशिक्षण में बाहर गई हैं। कमरों की आभाव में क्लास रूम में ही एमडीएम का संचालन किया जा रहा है। जिससे बच्चों को पढ़ने में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। तो वहीं प्रधानाध्यापक कक्ष की तो बात ही कुछ और है। प्रधानाध्यापक कक्ष अत्यंत ही जर्जर है, और छत से गिट्टी टूटकर अक्सर नीचे गिरने से विद्यालय में बच्चों के साथ ही शिक्षकों में भी भय बना रहता है। इस संबंध में विद्यालय के प्रधानाघ्यापक नवनीत विमल ने बताया कि विद्यालय का भवन पूरी तरह से बदहाल हो गई है। छत से गिट्टी झरने के कारण बच्चों व शिक्षकों में भय व्याप्त है। उन्होंने कहा कि कमरों की कमी के साथ ही जर्जर भवन से काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि विद्यालय की स्थिति से अधिकारियों को अवगत करा दिया गया है।
![](https://www.livehindustan.com/static-content/1y/lh/img/lh-epaper-str-banner-mob.jpg)